जानिए उन Teachers के बारे में जिन्हें इस साल मिला है राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशभर के 47 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया.

जेता Sat, 21 Nov 2020-11:01 pm,
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स्नेहिल पांडे

उन्नाव के सोहरामाऊ प्राथमिक स्कूल की ​प्रधान शिक्षिका स्नेहिल पांडे के स्कूल में सबसे ज्यादा बच्चों का ए​डमिशन हुआ है. वह स्मार्ट क्लासेज के जरिए बच्चों को पढ़ाती हैं. वहीं योगा और सांस्कृ​तिक कार्यक्रम जैसी गतिविधियां उनके रचानत्मक प्रयासों में शामिल हैं. 

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तापस कुमार मोहंती

ओडिशा के जिले खोरदा में भीम भोई ब्लाइंड स्कूल के शिक्षक तापस कुमार मोहंती ने खुद को नेत्रहीन बच्चों के लिए व्यवहारिक शिक्षण तरीकों के विकास के लिए समर्पित किया हुआ है. इन्होंने नेत्रहीन बच्चों के लिए ऑडियो बुक्स ​डेवलप की हैं.

 

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सुधा पैनोल

देहरादून के जोगला में एकलव्य आवासीय रेजीडेंशियल स्कूल,की वाइस प्रिंसिपल सुधा पैनोल अपने इनोवेटिव आइडिया से बच्चों के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं. इन्होंने शिक्षा के साथ एकलव्य बर्थडे गार्डन, ट्राइबल म्यूजियम, थियेटर और संगीत क्लासेज को शुरू करवाया है.

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नारायण चंद्रकात मंगलारम

महाराष्ट्र के अहमद नगर में गोपालवाड़ी गांव का जिला परिषद प्राइमरी स्कूल भी शिक्षक नारायण चंद्रकात मंगलारम की वजह से चर्चा में है. नारायण चंद्रकात को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. नारायण सिर्फ बच्चों को पढ़ाते ही नहीं, सिखाते भी हैं नए नए तरीकों से. यहां के बच्चे भी जो कुछ भी सीखते हैं, उसे वर्चुअल क्लासरूम के जरिए वर्ल्ड एजुकेटर्स को सिखाते हैं.

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सेल्वामुथुकुमारन

पुडुचेरी के इंदिरा गांधी सरकारी विद्यालय के शिक्षक सेल्वामुथुकुमारन मानते हैं कि रोजमर्रा की चीजों से सीखना विज्ञान के अध्ययन का सबसे अच्छा तरीक है. वो बच्चों को ऐसे ही पढ़ाते हैं.

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याकूब एस

कनार्टक के गर्वमेंट हाई स्कूल के ​शिक्षक याकूब एस गणित पढ़ाते हैं और इसके लिए वह सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्लीकेशन की मदद लेते हैं.

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एस दिलीप

तमिलनाडु के शिक्षक एस दिलीप अंग्रेजी के टीचर हैं. ये गेमी​फाइड ग्रामर और वर्चुअल गेम के जरिए बच्चों को पढ़ाते हैं. इन्होंने एआर और वीआर तकनीक का इस्तेमाल किया है.

 

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संत कुमार साहनी

बिहार के बेगूसराय के माध्यमिक स्कूल के हेडमास्टर संत कुमार साहनी दृष्टि से कमजोर हैं लेकिन उन्होंने ग्रामीण इलाके के इस स्कूल को बेहतर बनाने का प्रयास किया. आज यहां के बच्चे हर क्षेत्र में आगे हैं.

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बसंत कुमार साहू

ओडिशा के प्राइमरी स्कूल के शिक्षक बसंत कुमार साहू बच्चों को शैडो पपेट और स्ट्रिंग पपेट की मदद से पढ़ाते हैं. स्थानीय कठपुतली बनाने की तकनीक इस्तेमाल कर इन्होंने पढ़ाई को बच्चों के लिए रोचक बनाया है.

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राहुल शंकर चटर्जी

शिलॉन्ग के जेल रोड बॉयज हायर सेकेंड्री स्कूल के फिजिक्स टीचर राहुल शंकर चटर्जी यहां शिक्षकों को फिजिक्स पढ़ाने की नई तकनीकों के बारे में बता रहे हैं.

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गौतम देव शर्मा

कोकराझार के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक गौतम देव शर्मा गणित और विज्ञान पढ़ाते हैं. वंचितों को शिक्षित करने के लिए उन्होंने एक गांव को ही गोद लिया है.

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चेमलार शनमुगम

बेंगलुरु के केंद्रीय विद्यालय की प्रधान शिक्षिका चेमलार शनमुगम ने अंग्रेजी पढ़ने के नियमित तरीकों को बदला और नए तरीके से बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा रही हैं.

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नरदेव सिंह

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के शिक्षक नरदेव सिंह ने केमिस्ट्री की कठिन अवधारणाओं को आसान बनाया है और पढ़ाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया.

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सुरेंद्र सिंह

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सुरेंद्र सिंह ने वंचित वर्ग के बच्चों को पढ़ाया. इस स्कूल के परिणाम पूरे राज्य में अच्छे आए हैं. उन्होंने जॉयफुल लर्निंग के जरिए बच्चों को पढ़ाया है.

 

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संगीता सोहनी

महाराष्ट्र के एटोमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल 4 की संगीता सोहनी ने केमिकल बॉन्डिंग और ऐसे कई विषयों को नई तकनीक से पढ़ाया. वह खेल-खेल में स्टूडेंट्स को केमिस्ट्री पढ़ाती हैं. 

 

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सपना सोनी

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की गर्वमेंट हायर सेकेंड्री स्कूल की लेक्चरर सपना सोनी ने विज्ञान को अलग-अलग मॉडल के जरिए पढ़ाया. स्मार्ट क्लास से विषयों को आसान बनाया जिससे छात्र सरलता से समझ सकें.

 

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स्मिथ कुमार सोनी

झारखंड के स्मिथ कुमार सोनी ने बालिका शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है.

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रूही सुल्ताना

श्रीनगर की शिक्षिका रूही सुल्ताना ने आर्ट इंटिग्रेटेड लर्निंग के जरिए छात्रों को पढ़ाया जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया है.

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प्रकाशचंद्र सुथार

गुजरात के कंजेली के प्राथमिक स्कूल में प्रधानाचार्य प्रकाशचंद्र सुथार ने अपने स्कूल को पूरी तरह से बदल दिया है. स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर किया और प्रभावी ढंग से बच्चों को पढ़ाते हैं. जिससे वह आसानी से कोई चीज सीख सकें.

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थांकालेता थनकप्पन

केरल की शिक्षिका थांकालेता थनकप्पन ने प्रमुख शिक्षिका के तौर स्कूल के लिए बेहतरीन काम किया है और बच्चे स्कूल आएं इसलिए कड़ी मेहनत की है.

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अखिलेश्वर पाठक

बिहार में सारण के मिडिल स्कूल के हेडमास्टर अखिलेश्वर पाठक ड्रॉपआउट करने वाली स्टूडेंट्स और मूक बधिर बच्चियों को शिक्षित कर रहे हैं. 

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मनोज कुमार

गुरुग्राम में बजघेड़ा राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मनोज कुमार ने सूचना प्राद्योगिकी के माध्यम से छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि विकसित की. इन्होंने पढ़ाने के लिए कई उपकरण भी बनाए.

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निरूपमा कुमारी

बोकारो के एक हाई स्कूल की शिक्षिका निरूपमा कुमारी हिंदी की शिक्षिका हैं और नए तरीकों से बच्चों को हिंदी पढ़ाती हैं. उन्होंने आईसीटी उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल किया ​और लॉकडाउन में भी वीडियो के जरिए बच्चों को पढ़ाया.

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गीता कुमारी

राजस्थान में बाड़मेर के राजकीय शिक्षाकर्मी प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका गीता कुमारी ने अपने जिले में प्राथमिक विद्यालय की स्थापना करवाई. अपने स्कूल के जरिए वह लड़कियों को शिक्षित कर उन्हें सशक्त करना चाहती हैं.

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साजी कुमार वीएस

केरल में जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षक साजी कुमार वीएस ने अलग-अलग विषयों के बीच इंटर ​डिसिप्लीनरी कनेक्शन स्थापित कर बच्चों को पढ़ाया. उन्होंने इंटिग्रेटेड एजुकेशन को बढ़ावा दिया है.

 

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विकास कुमार

मुजफ्फरनगर के मीरापुर एस डी इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य विकास कुमार ने विज्ञान पढ़ाने के पारंपरिक तरीके को बदल दिया. एजुकेशनल वीडियोज ​के जरिए लर्निंग की प्रक्रिया को आसान बनाया.

 

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सुनील कुमार

जम्मू कश्मीर में उधमपुर के गर्वमेंट मिडिल स्कूल, जाखड़ के ​शिक्षक सुनील कुमार ने बुनियादी ढांचे और शिक्षा परिणामों को सुधारने के लिए लगातार कड़ी मेहनत की है. 

 

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राजेंद्र कुमार

पंजाब में फरीदकोट के वारा भाई सरकारी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक राजेंद्र कुमार ने बच्चों रचानत्मक तरीके से पढ़ाया और स्कूल को एक आदर्श विद्यालय में बदल दिया है.

 

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डॉ. केवलआनंद कांडपाल

बागेश्वर के पुडकुनी जीएचएसएस स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. केवलआनंद कांडपाल ने बालिकाओं की शिक्षा के लिए काम किया. जागरूकता अभियान चलाया जिससे कम उम्र में ल​ड़कियों की शादी पर रोक लगी और ड्रॉपआउट कम हुआ. 

 

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महिपाल सिंह

गुजरात के श्री टिडाना प्राइमरी स्कूल के शिक्षक महिपाल सिंह ने बालक्रेंद्रित अभिनव प्रयासों से शिक्षा की तस्वीर बदल दी और बालिकाओं की शिक्षा के लिए विशेष रूप से काम किया.

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संजय कुमार जैन

संजय कुमार जैन ने मध्य प्रदेश में अपने ​प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को सिखाने के लिए जॉयफुल लर्निंग को बढ़ावा दिया. बच्चे उनकी इस तकनीक से पढ़ रहे हैं और इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. 

 

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सुरेखा जगन्नाथ

कर्नाटक के कलिबुर्गी में गर्वमेंट हाई स्कूल की शिक्षिका सुरेखा जगन्नाथ ने बतौर विज्ञान अध्यापिका अपने स्कूल में कई नवाचार लाए हैं.  सुरेखा जगन्नाथ ने प्रयोगों के जरिए बच्चों को शिक्षित किया.

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मोहम्मद इशरत अली

उत्तर प्रदेश के जिला मैनपुरी में सुल्तानगंज के ​स्कूल में शिक्षक मोहम्मद इशरत अली ने पारंपरिक तौर तरीके से हटकर नए तरीके शिक्षा दी. जॉयफुल लर्निंग के जरिए बच्चों को पढ़ाया जिससे 100 से स्टूडेंट्स की संख्या 251 हो गई.

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सोनम ग्यालसन

लेह, लद्दाख के सुदूर इलाके में खारू में मिडिल स्कूल के अध्यापक सोनम ग्यालसन ने 4 स्टूडेंट्स से शुरुआत की और अब उनके स्कूल में 103 स्टूडेंट हैं. उन्होंने स्कूल के लिए समुदाय से मदद ली. आर्थिक संसाधन जुटाए. इनके प्रयासों से स्कूल ड्रॉपआउट कम हुआ और नामांकन में वृद्धि हुई.

 

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अर्चना गुरुंग

गर्वमेंट सीनियर सेकेंड्री स्कूल, जोरथांग, सिक्किम की प्रिंसिपल ने अर्चना गुरुंग ने बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए नेचर वॉक का सहारा लिया. जुम्बा डांस और कई दूसरी ए​क्टीविटीज के जरिए बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित किया जिससे वह स्कूल आना शुरू करें. नॉर्थ ईस्ट का पहला बैंड भी बनाया.

 

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मीशा घोषाल

पश्चिम बंगाल के टोटोपाड़ा गांव में स्थित धनपति टोटोमे​मोरियल हाई स्कूल की शिक्षिका मीशा घोषाल एक सुदूर और कठिन भौगोलिक इलाके में होने के बाद भी काम को लेकर समर्पित हैं और स्कूल के नामांकन में उन्होंने वृद्धि की है. समुदाय के समर्थन से स्कूल की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सम्मानित किया गया है.

 

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सुधा जोशी गौतमभाई

अहमदाबाद के गुजरात मिन्नी कामा ब्लाइंड स्कूल की शिक्षिका सुधा जोशी गौतमभाई बच्चों को साइंस और मैथ्स पढ़ाने के अलावा उन्हें थियेटर, डांस, फैशन शो भी करवाती है. इससे छात्रों को काफी मदद मिली. उच्चतम तकनीक से नेत्रहीन बच्चों को गणित सिखाने के लिए सुधा जोशी गौतम को सम्मानित किया गया है.

 

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लोमस ढुंगेल

सिक्किम के गर्वमेंट सीनियर सेकेंड्री स्कूल के शिक्षक लोमस ढुंगेल ने बच्चों को कविताओं और कहानियों के जरिए गणित पढ़ाना शुरू किया और इसके नतीजे भी अच्छे मिले. उनके लिए गणित के सूत्र कविता हैं. पर्यावरण के लिए भी काम कर रहे हैं. 

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इशिता डे

जमेशदपुर के तारापुर स्कूल की वाइस प्रिसिंपल इशिता डे ने संज्ञानात्मक, भावनात्मक और शारीरिक कौशल इन तीन श्रेणियों द्वारा बच्चों में सोचने महसूस करने और कार्य करने की क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया. शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया.

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सिंधु प्रभु देसाई

दक्षिण गोवा के मलकरणेम गांव में गर्वमेंट हाई स्कूल की प्रिंसिपल सिंधु प्रभु देसाई ने सफलतापूर्वक अपने स्कूल में छात्रों के पढ़ने और सीखने के लिए अनुकूल और सुखद माहौल का निर्माण किया है. 

 

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संजय दास

त्रिपुरा के उनाकोटी के हायर सेकेंड्री स्कूल के शिक्षक संजय दास विज्ञान और गणित के शिक्षक हैं. उन्होंने दूरस्थ क्षेत्र में वर्चुअल क्लासेज को संचालित किया और लोगों को जागरूक किया. 

 

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सरस्वती आर सी

चेन्नई के गर्वमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल की प्रधान शिक्षिका सरस्वती आर सी ने स्मार्ट क्लास, गणित की प्रयोगशाला के जरिए लर्निंग बाय डूइंग को बढ़ावा दिया. स्टूडेंट्स के लिए अच्छी शिक्षा और व्यक्तित्व का विकास किया. उन्हें अच्छे प्रबंधन और स्कूल के अच्छे परिणामों के लिए सम्मानित किया गया है. सरस्वती आर सी ने स्कूल में सह शैक्षणिक गतिविधियों को विकसित किया है.

 

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मधुबाबू असपन्ना

आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम के जिला परिषद स्कूल के मधुबाबू असपन्ना थियेटर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाते हैं. वह अंग्रेजी के शिक्षक हैं. एनिमेशन के जरिए भी वह स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं. 

 

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ज्योति अरोड़ा

दिल्ली के माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा छात्रों के हॉलिस्टिक विकास की पक्षधर हैं. वह स्टूडेंट्स के लिए जॉयफुल लर्निंग की को बढ़ावा देती हैं. ज्योति अरोड़ा ने अपने स्कूल में ग्लोबल सिटिजन करिकुलम को शुरू किया है.

 

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मोहम्मद शाहिद अंसारी

मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के सरकारी स्कूल के शिक्षक मोहम्मद शाहिद अंसारी 14 वर्षों से गणित पढ़ा रहे हैं.  शाहिद अंसारी ने सोलर रोशनी से चलने वाला प्रोजेक्टर बनाया. साथ ही गणित और विज्ञान की जटिलता दूर की. WhatsApp वीडियो भी बनाते हैं बच्चों को पढ़ाने के लिए. 

 

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