Partition of India 1947: आजादी के दौरान इस तरह हुआ चीजों का बंटवारा, पढ़िए अनसुनी कहानी

Indipendence Day Special: देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी. भारत के पहले प्रधानमंत्री पद की नियुक्ति के लिए जवाहरलाल नेहरु का नाम तय था तो पाकिस्तान की संविधान सभा ने मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah) के नाम को वहां के पहले राष्ट्रपति के रूप में मंजूरी दी थी. जब देश का बंटवारा हुआ को सिर्फ जमीन ही नहीं बल्कि देश की संपत्तियां भी बांटी गईं थी. भारत-पाकिस्तान बंटवारे (India-Paksitan Partition) के दौरान जन और धन के साथ कुछ ऐसी संपत्तियों का भी बंटवारा हुआ जिन पर यकीन करना मुश्किल है. आइये देते हैं उन संपत्तियों की जानकारी.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Wed, 11 Aug 2021-1:45 pm,
1/9

देश का बंटवारा

1947 में जब तत्कालीन भारत का बंटवारा हुआ तो दिल्ली में दो लोगों को धन संपत्ति के बंटवारे, उसके नियमों और शर्तों को तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसमें भारत के प्रतिनिधि थे एच. एम. पटेल और पाकिस्तान के चौधरी मुहम्मद अली को ये अधिकार दिया गया था कि वो अपने अपने देश का पक्ष रखते हुए इस बंटवारे के काम को आसान करें.

2/9

बंटवारे की कहानी

1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान जन-धन, जल, थल और आसमान की सीमा का भी बंटवारा हुआ था. कुछ संपत्तियों के बंटवारे की कहानी आज भी हैरान करती हैं. ये काम आसान नहीं था फिर भी दूरदर्शी अधिकारियों ने ये काम पूरा कराया.

3/9

टाइपराइटर की कहानी

बंटवारा दो मुल्क का हुआ था, लेकिन दर्द की इंतहा बहुत लंबी थी. जमीन अलग हुई, सरहद बटीं तों तत्कालीन भारत के सरकारी दफ्तरों में मौजूद संपत्तियों का भी बंटवारा हुआ. वहां पर मौजूद मेज और कुर्सियों से लेकर ऐसे टाइपराइटर का भी हिसाब-किताब हुआ था. 

 

 

फोटो साभार: (सोशल मीडिया)

4/9

रेजीमेंट की बग्घी की कहानी

आजादी के बाद भारत में रह गई ब्रिटिश वायसराय की बग्घियों का बंटवारा सिक्का उछाल कर किया गया. इस दौरान 6 भारत को और 6 बग्घी पाकिस्तान को मिली थीं. इसमें 'गवर्नर जनरल्स बॉडीगार्ड्स' नाम की रेजीमेंट की मशहूर बग्घी भी शामिल थी जिले लेकर दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई. दरअसल दोनों देश इसे अपने पास रखना चाहते थे. तब कमांडेंट और उनके डिप्टी ने विवाद को सुलझाने के लिए एक सिक्के का सहारा लिया. टॉस भारत ने जीता और इस तरह की रॉयल बग्घी भारत के हिस्से में आई गई. 

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

 

5/9

किताबों का बंटवारा

देश में स्थित 'राष्ट्रीय पुस्तकालयों' की किताबों का बंटवारा भी हुआ. इस दौरान एक डिक्शनरी को फाड़कर दोनों देशों के बीच आधा-आधा बांटा गया. इतिहासकारों के मुताबिक सन 1947 में उसी दौरान 'एनसायक्लोपीडिया ऑफ ब्रिटेनिका' को भी आधा-आधा बांटा गया था.

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

6/9

ट्रेनों का बंटवारा

1947 में भारत-पाक बंटवारे के दौरान सड़कों और ब्रिटिश रेलवे का बंटवारा भी हुआ. रेल के डिब्बे और इंजनों तक का बंटवारा भी हुआ था. 

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

7/9

शराब का कारोबार

भारत-पाक बंटवारे के दौरान शराब के कारोबार का भी बंटवारा हुआ. हालांकि ये ऐसा बंटवारा था जिसे लेकर कोई विवाद नहीं हुआ. शराब का पूरा कारोबार भारत के हिस्से में आया. पड़ोसी देश पाकिस्तान ने तब शराब के कारोबार की मांगी नहीं की थी.

8/9

किलों का भी बंटवारा

हिंदुस्तान को खूबसूरत वादियों, प्राकृतिक हरियाली और कई प्राचीन इमारतों, किलों का देश माना जाता है लेकिन बंटवारे के बाद हिंदुस्तान की कई खूबसूरत इमारतें और किले पाकिस्तान के हिस्से में चले गए. इसमें रॉयल फोर्ट, दरावड़ का किला, रोहतास फोर्ट और रानीकोट का किला शामिल था.

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

9/9

नदियों का बंटवारा

साल 1947 में आजादी मिलने के बाद से ही दोनों देशों में पानी को लेकर विवाद शुरू हो गया था. दरअसल, सिंधु जल प्रणाली जिसमें सिंधु, झेलम, चिनाब,रावी, ब्यास और सतलज नदियां शामिल हैं ये भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में बहती हैं. सरहदें बंटी तो नदियों का भी बंटवारा हो गया.

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link