इन भारतीय महिलाओं ने जिंदगी से लड़ी लड़ाई, अब इनकी पोजीशन जानकर हो जाएंगे हैरान
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम सभी महिलाओं को सलाम करते हैं. इन महिलाओं की बुलंदी के बारे में जानकर आप बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि हम महिलाओं को सम्मान क्यों देते हैं. इन भारतीय महिलाओं का योगदान जानकर आपके मन में इनके लिए रिस्पेक्ट और बढ़ जाएगी.
छवि राजावत
छवि राजावत ने अपने पैतृक राजस्थान के टोंक जिले के एक छोटे से गांव सोडा के सरपंच के रूप में चुनाव लड़ने के लिए एक आलीशान शहरी करियर छोड़ दिया. बता दें कि सरपंच के रूप में काम करने के लिए कॉर्पोरेट जगत का करियर छोड़ने वाली छवि राजावत का मानना है कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए किसी भी काम को बुनियादी स्तर पर शुरू करना जरूरी है.
प्रांजल पाटिल
प्रांजल पाटिल, अत्यधिक प्रतिस्पर्धी भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने वाली पहली दृष्टिबाधित महिला को केरल के तिरुवनंतपुरम के उप-कलेक्टर के रूप में तैनात किया गया है और अब वह वसंत विहार, नई दिल्ली में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट हैं.
फाल्गुनी नायर
फाल्गुनी नायर एक भारतीय व्यवसायी होने के साथ-साथ अरबपति भी हैं. फाल्गुनी नायर नायका की संस्थापक और सीईओ हैं. हाल ही में इनकी ब्यूटी-ई कॉमर्स कंपनी ने शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री से सबको चौंका दिया था.
अमृता देवी
अमृता देवी एक ऐसी स्वयं सहायता समूह के लीडर के रूप में उभरी, जिसने अपने गांव की महिलाओं को कृषि व्यवसाय में लीडिंग बनाया. बता दें कि वह जीविका महिला कृषि उत्पादन कंपनी लिमिटेड की निदेशक हैं, जिसमें लगभग 1,500 महिला सदस्य हैं. बिहार के एक गांव की महिला का इतनी बुलंदियां छूना वाकई में इंस्पिरेशनल है.
कल्पना मोरापरिया
फॉर्च्यून पत्रिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय व्यापार में दुनिया की 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक कल्पना मोरापरिया सेक्सुअल मुद्दों पर सवाल उठाती थीं. वो बताती हैं कि पहले वो महिलाओं को केंद्र में रखकर होने वाली हर बहस से चिढ़ा करती थीं लेकिन अब वो इसमें हिस्सा लेती हैं.