ममता बनर्जी का आरोप झूठा? माइक बंद मामले को लेकर आ गई बड़ी सच्चाई, बंगाल सरकार ने पहले किया था ये रिक्वेस्ट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माइक वाले मामले में एक अलग ही एंगल सामने आया है. अब इस मामले में PIB फैक्ट चेक ने अलग ही दावा किया है.
Niti Aayog Meeting: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के माइक वाले मामले में एक अलग ही एंगल सामने आया है. अब इस मामले में PIB ने अलग ही दावा किया है, एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए PIB Fact Checker ने लिखा 'दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था जो आरोप गलत है.
घड़ी सिर्फ़ यह दिखा रही थी कि उनका बोलने का समय खत्म हो गया है. यहां तक कि घंटी भी नहीं बजाई गई थी. घड़ी ने केवल यह दिखाया कि उनका बोलने का समय समाप्त हो गया था. वर्णमाला के मुताबिक सीएम पश्चिम बंगाल की बारी दोपहर के भोजन के बाद आती, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें 7वें वक्ता के रूप में शामिल किया गया क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था. ममता बनर्जी को समय से पहले ही बैठक को छोड़कर जाना था.
ममता बनर्जी का आरोप
दिल्ली में चल रही नीति आयोग की बैठक से यह आरोप लगाते हुए वॉकआउट कर दिया कि जब उन्होंने राज्य के लिए धन आवंटन के बारे में बोलना शुरू किया तो उनका माइक जानबूझकर बंद कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया, "जब मैंने बजट में पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव के बारे में बात करना शुरू किया और राज्य के लिए धन की मांग की, तो उन्होंने मेरा माइक बंद कर दिया और मुझे बोलने से रोक दिया."