Delhi budget 2023 Updates: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार पर दिल्ली के बजट पर रोक लगाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इसमें सीएम केजरीवाल ने कहा है कि देश के 75 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी राज्य के बजट को रोका गया है. केजरीवाल ने पीएम मोदी से पूछा है, 'आप हम दिल्ली वालों से क्यों नाराज हैं? प्लीज दिल्ली बजट मत रोकिए. दिल्ली वाले आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं हमारा बजट पास कर दीजिए.'


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इससे पहले केजरीवाल ने दावा किया था कि केंद्र ने दिल्ली के वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट को विधानसभा में पेश करने पर रोक लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट पर रोक लगाई है, जिसकी वजह से ये मंगलवार को पेश नहीं हो सकेगा.


केजरीवाल के बजट को रोके जाने के दावे के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि केंद्र की तरफ से दिल्ली की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की गई है. इसके पीछे दिल्ली सरकार के बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन को वजह बताया गया है. वहीं, बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों के लिए तुलनात्मक रूप से कम राशि आवंटित है.


ये भी कहा गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र की मांग पर अब तक जवाब नहीं दिया है. हालांकि, केजरीवाल सरकार ने केंद्र के इन आरोपों को झूठा बताया है. आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली का कुल बजट 78,800 करोड़ रुपये का है, जिसमें से सिर्फ 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च के लिए निर्धारित किए गए हैं.


आम आदमी पार्टी की सरकार के मुताबिक इस बजट में 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए निर्धारित किए गए हैं. दावा ये भी है कि पिछले वर्ष भी विज्ञापन के लिए इतनी ही राशि आवंटित की गई थी. एक टीवी कार्यक्रम में केजरीवाल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सीधे-सीधे हमला करते हुए उन पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया. आम आदमी पार्टी ने बजट पर रोक लगाने से जुड़ा एक वीडियो भी ट्वीट किया है.


दिल्ली के उपराज्यपाल ने 2023-2024 के वार्षिक वित्तीय विवरण को 9 मार्च को ही कुछ टिप्पणियों के साथ मंजूरी दे दी थी. इसके बाद फाइल मुख्यमंत्री केजरीवाल को भेज दिया गया था. इस पर दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर राष्ट्रपति की जरूरी स्वीकृति मांगी थी.


इस पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को 17 मार्च को अपनी आपत्तियों के बारे में बताया. जिसके बाद से दिल्ली सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं भेजा गया है. एलजी कार्यालय सरकार की तरफ से फाइल भेजे जाने का इंतजार कर रहा है.


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