Bangladesh की 50वीं वर्षगांठ पर PM मोदी का दौरा, इन अहम मुद्दों पर करेंगे चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल होने के लिए 26 मार्च को दो दिवसीय यात्रा पर यहां आएंगे.
ढाका: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बांग्लादेश (Bangladesh) की आगामी यात्रा की तैयारी के लिए गुरुवार को यहां पहुंचे. जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बांग्लादेश के अपने समकक्ष एके अब्दुल मोमेन से वार्ता करेंगे. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने कुरमीटोला वायुसेना अड्डे पर जयशंकर का स्वागत किया.
द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से एक बयान में कहा, ‘यह एक अहम बैठक है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की आगामी यात्रा और प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ उनकी वार्ता के लिए तैयारी किए जाने की उम्मीद है.’
जयशंकर, मोमेन के आमंत्रण पर यहां आए हैं. दोनों नेताओं के बीच कई द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा होने की संभावना है.
26 मार्च को दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल होने के लिए 26 मार्च को दो दिवसीय यात्रा पर यहां आएंगे. जयशंकर की यात्रा संबंधी जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्री यहां अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री हसीना से भी मुलाकात करेंगे.
द्विपक्षीय एमओयू की करेंगे समीक्षा
उन्होंने बताया कि दोनों विदेश मंत्री उन द्विपक्षीय एमओयू की समीक्षा करेंगे, जिन पर मोदी अपनी यात्रा के दौरान हस्ताक्षर कर सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री ढाका और पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के बीच सीधी यात्री ट्रेन सेवा को हरी झंडी दे सकते हैं.
मोदी और हसीना ने 17 दिसंबर को डिजिटल शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें उन्होंने हल्दीबाड़ी और चिल्हाटी के बीच ट्रेन सेवा को हरी झंडी दी थी. बांग्लादेश के विदेश सचिव मासुद बिन मोमेन ने जनवरी में भारत की यात्रा की थी और इस दौरान दोनों पक्षों ने मोदी की बांग्लादेश यात्रा के कार्यक्रम पर विस्तार से विचार-विमर्श किया था. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि जयशंकर बांग्लादेश की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे.
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बांग्लादेश की स्थापना का इतिहास
करीब 93,000 पाकिस्तानी बलों ने भारतीय सेना और ‘मुक्ति वाहिनी’ के संयुक्त बलों के आगे 16 दिसंबर, 1971 को समर्पण कर दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश की स्थापना हुई.