बागेश्वर धाम के दरबार में पहुंचे पीएम मोदी के भाई, धीरेंद्र शास्त्री से हुई ये बात, BJP के लिए की ये कामना
धीरेंद्र शास्त्री के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी के भाई ने कहा, `धीरेंद्र शास्त्री एक संत हैं. उनके साथ मेरी राजनीति के विषय पर किसी प्रकार की कोई चर्चा नहीं हुई. मुझे छतरपुर आकर बहुत अच्छा लग रहा है. सभी से स्नेह मिला. यह सब बागेश्वर धाम की कृपा है.`
बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में बड़ी हस्तियों का आना-जाना अब आम बात हो चली है. क्या नेता और क्या अभिनेता, कोई भी दरबार में जाने का मौका नहीं छोड़ता. आए दिन दिग्गज चेहरे धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में नजर आ जाते हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रहलाद दामोदर दास मोदी भी शामिल हो गए हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर बाबा के दरबार में माथा टेका और उनका आशीर्वाद लिया.
दरबार से निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी धीरेंद्र शास्त्री से किसी प्रकार की राजनीतिक बातचीत नहीं हुई. साथ ही उन्होंने कहा कि दरबार में उन्होंने विनती की कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिले, उसकी जीत हो और देश का मान-सम्मान ऐसे ही लगातार बढ़ता रहे.
धीरेंद्र शास्त्री के साथ हुई बातचीत को लेकर पीएम मोदी के भाई ने कहा, 'धीरेंद्र शास्त्री एक संत हैं. उनके साथ मेरी राजनीति के विषय पर किसी प्रकार की कोई चर्चा नहीं हुई. मुझे छतरपुर आकर बहुत अच्छा लग रहा है. सभी से स्नेह मिला. यह सब बागेश्वर धाम की कृपा है.'
ड्यूटी में लगे थे शिक्षक
इससे पहले एमपी के राजगढ़ जिले में धीरेंद्र शास्त्री के प्रवचन कार्यक्रम के दौरान `पुलिस की मदद' के लिए सरकारी स्कूल के 100 से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने इस बात की जानकारी दी. इस फैसले से शिक्षकों के संगठन मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस को नाराजगी हुई. शिक्षकों के विरोध के बाद तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन इसे रद्द कर दिया गया.
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान लगभग एक हजार पुलिसकर्मियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में मदद करने के लिए प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न क्षेत्रों में 110 शिक्षकों को तैनात किया गया था. शिक्षक कांग्रेस के महासचिव आशुतोष पांडे ने बताया कि संगठन द्वारा विरोध दर्ज कराने के बाद कार्यक्रम समाप्त होने से एक दिन पहले यह आदेश वापस ले लिया गया.