वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) जा रहे हैं. उनके आधिकारिक कार्यक्रम में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) की समीक्षा करने का कोई कार्यक्रम नहीं है. लेकिन पीएम मोदी जब वाराणसी पहुंचेंगे तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और अधिकारियों से प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट की जानकारी जरूर ले सकते हैं.


पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट


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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. उन्होंने मार्च 2019 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास किया था. नवंबर, 2021 तक कॉरिडोर बनकर तैयार होगा. लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से यह कॉरिडोर बन रहा है.


कॉरिडोर गंगा तट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक है. इसकी दूरी लगभग 400 मीटर है. पूरा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर 50 हज़ार वर्ग मीटर में बन रहा है. इस कॉरिडोर के जरिए गंगा नदी के ललिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर सीधे जुड़ रहा है.


सभी प्राचीन मंदिर हैं संरक्षित


लगभग 60 प्राचीन मंदिर इस कॉरिडोर में संरक्षित रखे गए हैं. इन मंदिरों को नहीं हटाया गया है. 360 भवन हटाए गए हैं जिसकी वजह से प्राचीन मंदिर तक अब श्रद्धालु पहुंच सकते हैं. प्राचीन मंदिरों को पूरी तरह सुरक्षित रखा गया है.


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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में मंदिर के चारों तरफ़ एक परिक्रमा मार्ग बनाया जा रहा है. गंगा घाट से मंदिर में एंट्री करने के लिये एक बड़ा गेट भी बनाया जा रहा है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर में मंदिर चौक बन रहा है. मंदिर के चारों तरह कुल 24 बिल्डिंग बनाई जा रही हैं. इसमें गेस्ट हाउस, तीन यात्री सुविधा केन्द, पर्यटक सुविधा केन्द्र, एम्पोरियम, छोटे-छोटे स्टॉल, पुजारियों के रहने के लिए आवास, आश्रम, वैदिक केन्द्र, सिटी म्यूज़ियम, वाराणसी गैलरी, मुमुक्ष भवन शामिल हैं.


काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के इलाक़े को भी काफी खूबसूरत बनाया जा रहा है. आध्यात्मिक नगरी के तौर पर काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट के आसपास के इलाक़े को विकसित करने का काम भी तेजी से चल रहा है.