PM Modi inuagurates new Parliament installs sacred Sengol: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया. उद्घाटन समारोह पूरा होते ही भारत के नए संसद भवन ने भारत के 96 साल पुराने संसद भवन का स्थान ले लिया है. नई संसद कई मायनों में अद्भुत और अनोखी है. इसकी खासियतों की बात करें तो नई संसद को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि न तो उसमें आग का असर होगा और न ही भूकंप जैसी आपदा का उस पर कोई असर होगा.


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हवन और सेंगोल की स्थापना


पारंपरिक परिधान में प्रधानमंत्री मोदी द्वार संख्या-एक से संसद परिसर के भीतर आए जहां लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान किया. प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया. ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित कर दिया. पीएम ने नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारियों को भी सम्मानित किया. 


इससे पहले अधीनम ने रविवार को नए संसद भवन में ‘सेंगोल’ की स्थापना से पहले शनिवार को प्रधानमंत्री को आशीर्वाद दिया. इस आयोजन में तमिल संस्कृति और परंपरा की विशेष भूमिका दिखी. इस दौरान सर्वधर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया.

कैसी है नई संसद?


नए संसद भवन की भव्यता के आगे विदेशी पार्लियामेंट भी फेल दिख रही हैं. चार मंजिला संसद भवन के  बारे में जानने के लिए लोगों की जिज्ञासा बढ़ गई है. पीएम मोदी (PM Modi) ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 10 दिसंबर 2020 को इसकी नींव रखी थी. नया संसद भवन कुल 64500 वर्ग मीटर एरिया में बना है. नए संसद भवन में सांसदों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान के साथ एक भव्य संविधान कक्ष है. नई संसद चार मंजिला त्रिकोणीय आकार की है. नई संसद में तीन मुख्य द्वार हैं, ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार. वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं.


क्षमता के लिहाज से, नए संसद भवन में राज्यसभा कक्ष में 384 सीटें हैं, जो पुराने राज्यसभा की क्षमता से 134 अधिक है. नई संसद दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए भी उपयुक्त है. लोकतंत्र का नया प्रतीक यानी नया संसद भवन 862 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है. नए संसद भवन के संविधान हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी. भवन में सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री होगी.


(इनपुट भाषा के साथ)