प्रधानमंत्री मोदी के `चिंतन शिवर` में मंत्रियों ने पढ़ा सादगी का पाठ, गुजरात की `टिफिन मीटिंग्स` पर भी हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंत्रिपरिषद के साथ ‘चिंतन शिविर’ आयोजित किया. इस दौरान उन्होंने कहा- सादगी ही जीवन जीने का तरीका है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक को 'चिंतन शिविर' का नाम दिया गया. बैठक में इस बात पर जोर दिया कि सादगी ही जीवन का तरीका है. बैठक में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और धर्मेंद्र प्रधान ने एफिशिएंसी और टाइम मैनेजमेंट पर प्रेजेंटेशन दिया गया. सूत्रों के मुताबिक शासन में सुधार के लिए ऐसे चार और 'चिंतन शिविर' आयोजित किए जाएंगे.
मनोहर पर्रिकर को किया याद
सूत्रों के मुताबिक, ऐसे चार और सेशन में अन्य केंद्रीय मंत्री प्रेजेंटेशन देंगे. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और धर्मेंद्र प्रधान ने पर्सनल के स्टाफ के चयन पर अच्छी प्रैक्टिस शेयर कीं. लोगों के साथ व्यवहार करना, पत्रों का तुरंत जवाब देने जैसे कुछ बुनियादी मुद्दे भी मंत्रियों के प्रेजेटेंशन में शामिल रहे. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंत्रियों से अपने सहयोगियों की अच्छी पॉलिसी से सीखने को कहा. दिवंगत केंद्रीय मंत्री मनोहर पर्रिकर को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सादगी जीवन का एक तरीका है.
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गुजरात की 'टिफिन मीटिंग्स' का हुआ जिक्र
बैठक के दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने गुजरात के दिनों में 'टिफिन मीटिंग्स' के बारे में भी बात की, जहां हर कोई बैठकों में अपने-अपने टिफिन लाता था और भोजन के साथ-साथ विचार शेयर किए जाते थे. राष्ट्रपति भवन के सभागार में बैठक करीब पांच घंटे तक चली. बता दें, प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद की नियमित बैठकें करते हैं जहां तमाम मंत्रालय महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रेजेंटेशन देते हैं. बैठकें मंत्रियों को सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से खुद को अपडेट रखने में भी मदद करती हैं.
बैठक में अमृत महोत्सव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मंत्रियों से सुझाव मांगे. इस बैठक में 2 प्रेजेंटेशन भी हुए. स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने प्रेजेंटेशन दिया. उन्होंने कोरोना के हालात और टीकाकरण अभियान की जानकारी दी. इसके अलावा शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी एक प्रेजेंटेशन दिया.
पीएम मोदी ने मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा कि ये बैठक नहीं 'चिंतन शिविर' है. हमें आपस में विचार-विमर्श करना चाहिए कि कैसे सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारा जाए. एक-दूसरे के साथ विचारों का आदान-प्रदान हमेशा कीजिए. एक-दूसरे के अच्छे कामों से सीखना चाहिए. बैठक में टाइम मैनेजमेंट पर भी प्रधानमंत्री ने जोर दिया. उसी तरह वर्क एफिशिएंसी को भी मूल मंत्र बनाने की नसीहत दी.
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