अफगान संकट पर भारत के रुख की जानकारी देगी सरकार, PM नरेंद्र मोदी ने दिये निर्देश
तालिबान (Taliban) के अफगानिस्तान (Afghanistan) में कब्जे के साथ ही अफगानिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए सैकड़ों लोग जमा हैं. महिलाओं में खौफ है और हर जगह आतंक का साया है.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद बने हालात पर भारत सरकार की पैनी नजर बनी हुई है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय () को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगान संकट पर सरकार के रुख और अभी तक लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देने को कहा है.
विदेश मंत्री ने दी जानकारी
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी है. अपने ट्वीट में जयशंकर ने ये भी लिखा कि जल्द ही संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद पटेल (Pralhad Joshi) जल्द ही इस बारे में अगली जानकारी देंगे.
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भारत का अभियान जारी
20 साल बाद तालिबान फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका है. लगातार दिल दहलाने वाली तस्वीरें आ रही हैं. अफगानिस्तान की सीमा PoK से लगती है और ये भारत के लिए भी चिंता की बात है. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारत काबुल से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों में सफल रहा है. इसके तहत 3 उड़ानों के जरिए 2 अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस लाया गया.
भारत का जताया आभार
अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने के अभियान से रूबरू अधिकारियों ने बताया कि काबुल से लाए गए 168 लोगों के ग्रुप में अफगान सांसदों अनारकली कौर होनारयार (Anarkali Kaur Honaryar) और नरेंद्र सिंह खालसा (Narendra Singh Khalsa) समेत उनका परिवार भी शामिल है. वहीं अफगान सांसद खालसा ने कहा, 'ये हमारा दूसरा घर है, भले ही हम अफगान हैं लेकिन लोग अक्सर हमें हिंदुस्तानी कहते हैं. मदद के लिए हाथ बढ़ाने के लिए मैं भारत को धन्यवाद देता हूं.'
(एएनआई इनपुट के साथ)
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