नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार के बीच सौवीं किसान रेल (100th Kisan Rail ) का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि किसान रेल से पश्चिम बंगाल के किसानों को बड़ा विकल्प मिला है. पीएम मोदी ने कहा कि देश के हर क्षेत्र की खेती और किसानों को किसान रेल से कनेक्ट किया जा रहा है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) चुनौती के बीच भी बीते 4 महीनों में किसान रेल का ये नेटवर्क आज 100 के आंकड़े पर पहुंच चुका है.


देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत बढ़ेगी


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है. इससे खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था (Agriculture economy) में बड़ा बदलाव आएगा. इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी.' पीएम ने ये भी कहा कि इस ट्रेन में फल हो, सब्जी हो, दूध हो, मछली हो यानी जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं.


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7 अगस्त को हुई थी किसान रेल की शुरुआत


भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने इसी साल 7 अगस्त को किसान रेल की शुरुआत की थी. उसके बाद तेजी से इस दिशा में काम हुआ और आज इसी सिलसिले में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी​ दिखाई. किसानों के अच्छे रिस्पांस के कारण इसके फेरे भी Weekly से सप्ताह में 3 दिन बढ़ा दिए गए. किसान रेल देशभर में कृषि उत्पादों के तेजी से परिवहन को सुनिश्चित करने में एक गेम चेंजर रहा है. यह खराब होने वाले उत्पादों की सप्‍लाई चेन प्रदान करता है.


ट्रेन की खासियत और यह क्यों है महत्वपूर्ण?


केंद्र सरकार ने फल और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी बढ़ा दी है. इसी साल 7 अगस्त को देवलाली से दानापुर के बीच पहली किसान रेल शुरू हुई थी, जिसे बढ़ाकर मुजफ्फरपुर तक कर दिया गया. आज रवाना हुई इस मल्टी कमोडिटी ट्रेन सेवा में फूलगोभी, शिमला मिर्च, गोभी, ड्रमस्टिक, मिर्च, प्याज जैसी सब्जियां हैं वहीं अंगूर, संतरा, अनार, केला और कस्टर्ड सेब जैसे कई फल भी भेजे गए हैं.  


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