Narendra Modi Speech: इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था, कोई समय ऐसा नहीं था जब भारत के वीरों ने देश की आजादी की लौ को जलाये न रखा हो. देश की नारीशक्ति, देश के किसान, देश के मजदूर, कोई भी ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता न हो. जनचेतना का वह व्यापक रूप, त्याग और तपस्या का वह व्यापक रूप, जन-जन के अंदर विश्वास जगाने वाला वह पल, आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ.हम जो भी करेंगे, जो भी कदम उठाएंगे, जो फैसला लेंगे, वो अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है. विश्वभर में भारत की चेतना के प्रति, भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया आकर्षण, एक नया विश्वास पैदा हुआ है. ये प्रकाशपुंज भारत से उठा है, जो विश्व अपने लिए ज्योति के रूप में देख रहा है. आज झुग्गी-झोपड़ी से निकले बच्चे दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं। छोटे-छोट गांव, कस्बे के नौजवान, हमारे बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं. मैं देश के नौजवानों को कहना चाहता हूं, आज अवसरों की कमी नहीं है. आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है. 


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3  'D', प्रिय परिवारजनों, प्यारे देशवासियों का जिक्र


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो  माताओं-बहनों, बेटियों से कहना चाहता हैं कि देश आज मेरी माताओं-बहनों के सामर्थ्य से आगे बढ़ा है. आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है तो मेरे किसान भाई-बहनों का पुरुषार्थ है, यह आप ही का परिश्रम है कि देश आज कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. इस खास मौके पर उन्होंने डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डायवर्सिटी को त्रिवेणी बताया, इसके साथ ही उन्होंने मेरे प्यारे देशवासियों और मेरे प्रिय परिवारजनों का खास इस्तेमाल किया.


पीएम मोदी के भाषण के खास अंश


  • डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डॉयवर्सिटी की त्रिवेणी भारत के हर सपने को पूरा करेगी.

  • ये भारत न रुकता है. न थकता है न हांफता है 

  • परफॉर्मेंस, गति और शक्ति हमारी ताकत

  • भारत, दुनिया की 10 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल

  • मेरे प्यारे परिवारजनों, मेरे प्यारे देशवासियों

  • 25 हजार जनऔषधि केंद्र

  • विश्वकर्मा जयंती

  • शहरों में रहने वाले लोगों के लिए घर की व्यवस्था. बैंक को देने वाले ब्याज पर राहत देंगे.

  • लखपति दीदी पर काम करेंगे. भारतीय अर्थव्यवस्था में ड्रोन के इस्तेमाल पर खास जोर

  • वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज पर खास जोर

  • सीमा पर हमारा गांव अंतिम नहीं पहला गांव है.

  • सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं. 

  • सुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता का खास जिक्र

  • तीन बुराइयों से लड़ना समय की मांग, भ्रष्टाचार से मुक्ति और जंग जरूरी है

  • यह मेरे जीवन की प्रतिबद्धता है भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी

  • परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई जरूरू

  • तुष्टीकरण ने देश पर दाग लगाया

  • भ्रष्टाचार, परिवार और तुष्टीकरण ही तीन बुराइयां


अब अवसर की कमी नहीं


देश के नौजवानोंआज अवसरों की कमी नहीं है. आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है.