PM Modi Qatar Visit: कतर ने 8 पूर्व भारतीय नैवी अफसरों को फांसी की सजाई सुनाई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्सनल लेवल पर इसे सुलझाने में लगे हुए थे. पीएम मोदी और उनकी टीम से प्रभावित कतर ने फांसी का आदेश उम्रकैद में बदला फिर सभी भारतीय अफसरों को रिहा कर दिया. रिहा होकर 7 लोग भारत भी लौट चुके हैं. इस फैसले का धन्यवाद करने पीएम मोदी अब खुद कतर जाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कतर ने दिखाई दरियादिली


पीएम मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद 14 फरवरी को कतर की राजधानी दोहा की यात्रा करेंगे. पीएम मोदी की कतर यात्रा की घोषणा खाड़ी देश द्वारा जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा करने के एक दिन बाद हुई है. रिहा किए गए लोगों में से सात सोमवार सुबह भारत लौट आए. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले के घटनाक्रम की निगरानी की है.


भारत ने कतर के फैसले का किया स्वागत


उन्होंने कहा, ‘हम भारतीयों को रिहा करने के कतर के फैसले से खुश हैं.’ विदेश सचिव ने कहा कि मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए व्यापक बातचीत करेंगे. पूर्व भारतीय नौसैनिकों को पिछले अक्टूबर में दी गई मौत की सजा को अलग-अलग अवधि की जेल की सजा में तब्दील किए जाने के 46 दिन बाद वे भारत वापस लौट आए. आठों को जासूसी के आरोपों का सामना करना पड़ा लेकिन न तो कतर के अधिकारियों और न ही नई दिल्ली ने उनके खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया.


कतर में गिरफ्तार हुए भारतीयों की डिटेल


कैप्टन (सेवानिवृत्त) नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा, और सुगुनाकर पकाला और नाविक (सेवानिवृत्त) रागेश को सजा सुनाई गई थी. मामले से अवगत लोगों ने कहा कि तिवारी दोहा में ही रुके हैं और उनके जल्द ही भारत वापस आने की संभावना है. नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी.


अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था


निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने मौत की सजा को कम करने के बाद भारतीय नागरिकों को उनकी जेल की सजा के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया था. पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुबई में ‘कॉप 28’ शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी से मुलाकात की थी और कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण पर चर्चा की थी.


अजीत डोभाल ने निभाया अहम रोल


यह पता चला है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने में कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत में भूमिका निभाई थी. भारत सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण पर द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों को लागू करने की संभावना भी विचार कर रहा था. भारत और कतर के बीच 2015 में हुए समझौते के तहत भारत तथा कतर के उन नागरिकों के अपने-अपने देश में सजा काटने का प्रावधान है जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)