PM Modi Road Show: दुनिया देखेगी भारत की ताकत...मुस्लिम देश के राष्ट्रपति और PM मोदी की दोस्ती देख जल उठेंगे पाकिस्तान-चीन
India-UAE Friendship: यूएई के प्रेसिडेंट से पहले भी कई विदेशी नेता पीएम मोदी के साथ रोड शो कर चुके हैं. फरवरी 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अहमदाबाद में रोड शो किया था और 2017 में जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो आबे ने मोदी के साथ 9 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था.
Road Show: 9 जनवरी को अहमदाबाद में दो बड़े नेता सड़क पर दिखाई देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके साथ यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान होंगे. यूएई के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी के अच्छे और करीबी संबंध हैं. यूएई के राष्ट्रपति वाइब्रेंट गुजरात समिट 2024 में हिस्सा लेने के लिए भारत आ रहे हैं. वो 9 जनवरी को गुजरात के अहमदाबाद पहुंचेंगे. पीएम मोदी, यूएई के राष्ट्रपति के साथ मिलकर अहमदाबाद एयरपोर्ट से साबरमती आश्रम तक रोड शो करेंगे. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक ये रोड शो साबरमती आश्रम पर ही खत्म हो जाएगा. मोदी-नाहयान इसके बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम जाएंगे.
इस रोड शो के लिए अहमदाबाद में तैयारियां चल रही हैं. सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. कूटनीतिक तौर पर कहा जाए तो मिडिल ईस्ट के देशों के साथ भारत के संबंध सबसे बेहतर चल रहे हैं. और उसका सबूत है मोदी-नाहयान के रोड शो की खबर. यकीनन मोदी और अल नाहयान की ये दोस्ती भारत के पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के लिए किसी सदमे से कम नहीं होगा.
यूएई के प्रेसिडेंट से पहले भी कई विदेशी नेता पीएम मोदी के साथ रोड शो कर चुके हैं. फरवरी 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अहमदाबाद में रोड शो किया था और 2017 में जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो आबे ने मोदी के साथ 9 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था. हालांकि नाहयान के साथ रोड शो खास होगा क्योंकि पहली बार किसी मुस्लिम देश के राष्ट्र प्रमुख और मोदी एक साथ रोड शो करेंगे.
भारत-यूएई के बीच सदियों पुराने पारंपरिक संबंध हैं जो 2014 के बाद से नई ऊंचाइयों पर जा रहे हैं. दिल्ली में हुए जी-20 के दौरान भारत ने यूएई के राष्ट्रपति को बतौर मेहमान निमंत्रण दिया तो COP-28 में नाहयान ने मोदी को अपने मंच पर जगह दी.
खास है भारत-UAE की दोस्ती
भारत यूएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है
फरवरी 2022 में भारत पहला देश बन गया जिसके साथ यूएई ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता किया
यूएई 2022-2023 में भारत में निवेश करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है
पीएम मोदी ने कई बार खुलकर यूएई और भारत के रिश्तों की बात की. दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग है जो आपसी भरोसे को दिखाता है. भारत और मिडिल ईस्ट अब अपनी मुद्रा में एक-दूसरे के साथ व्यापार करते हैं. इसलिए मोदी नाहयान को भारत का सच्चा दोस्त कहते हैं.
15 जुलाई 2023 को पीएम मोदी ने कहा था, 'हमारे आर्थिक सहयोग में भी निरंतर प्रगति हो रही है.पिछले वर्ष फरवरी में हमने कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए थे. हमने एक ऐतिहासिक समझौते पर मात्र 3 महीने में रिकॉर्ड सामान्जस्य स्थापित किए. ये आपकी क्लियरिटी और कमिटमेंट के बिना संभव नहीं था.इसके लिए मैं फिर से आपका आभार व्यक्त करता हूं.
अब यूएई के राष्ट्रपति उन राष्ट्राध्यक्षों में शामिल हैं, जो वाइब्रेंट गुजरात समिट 2024 में हिस्सा ले रहे हैं. यह समिट गांधीनगर में 10 से 12 जनवरी तक यानी तीन दिनों तक चलेगा. इस समिट से गुजरात में निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी. इस समिट की शुरुआत पीएम मोदी ने ही 2003 में की थी. जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे. जानकार मानते हैं ऐसे समिट में मिडिल ईस्ट के यूएई जैसे देशों के शामिल होने से भारत को फायदा मिलेगा और देश की आर्थिक ताकत तेजी से बढ़ेगी.
जनवरी में गुजरात में रोड शो होगा. नाहयान अहमदाबाद आएंगे तो फरवरी में पीएम मोदी यूएई जाएंगे. और 14 फरवरी को अबूधाबी में स्वामी नारायण संस्था के हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी का भारतीय मूल के लोगों से मिलने का भी कार्यक्रम है.
पीएम का यूएई दौरा होगा खास
13 फरवरी को अबू धाबी में अहलान मोदी के नाम से एक विशाल कार्यक्रम होगा.
अहलान शब्द का मतलब होता है स्वागत.
इसमें भारतीय मूल के 50 हजार लोगों के शामिल हो सकते हैं ये पीएम मोदी का भारतीय मूल के लोगों के साथ किये गये सबसे बड़े कार्यक्रमों में एक होगा.
भारत और यूएई के करीबी संबंधों को समझने के लिए जुलाई 2023 में जाना होगा. तब पीएम मोदी ने यूएई का दौरा किया था. वहां उनका भव्य स्वागत हुआ. दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए और ऐसी ही तस्वीरें 9 जनवरी को भी आ सकती हैं जब अहमदाबाद में नरेंद्र और नाहयान मिलेंगे.