मशहूर कवि नरेश सक्‍सेना पिछले दिनों अपने ही घर में छह घंटे डिजिटल अरेस्‍ट हो गए. पिछले दिनों लखनऊ में जब वह अपने घर में अकेले थे तो उनके पास रविवार को दोपहर करीब तीन बजे वीडियो कॉल आई. कॉल करने वाले जालसाज ने अपना परिचय सीबीआई इंस्‍पेक्‍टर के रूप में दिया और उनसे इंक्‍वायरी करते हुए पूछा कि क्‍या आपका आधार चोरी हो गया है? जब नरेश सक्‍सेना ने इससे इनकार किया तो फर्जी सीबीआई अफसर बने शख्‍स ने कहा कि आपके आधार का गलत इस्‍तेमाल करके मुंबई के बैंक में खाता खोला गया है और उससे करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है. आपके खिलाफ केस दर्ज हो गया है और अरेस्‍ट वारंट जारी हो गया है. नेशनल सिक्‍योरिटी का हवाला देते हुए उसने कहा कि आपको डिजिटल अरेस्‍ट किया जाता है.


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जालसाज ने उनके आधार के वैरिफिकेशन के नाम पर बैंक अकाउंट्स, आय, निवेश इत्‍यादि के बारे में सारी जानकारी ली. फिर उसने सक्‍सेना से घर के सारे दरवाजे बंद करने को कहा और उनको केस से छुटकारा दिलाने के नाम पर पैसे मांगने लगा. इस बीच जब नरेश सक्‍सेना ने उसको अपना परिचय कवि के रूप में दिया तो वो उनसे कविताएं सुनने लगा. शायरी सुनी. नरेश सक्‍सेना ने उसके लिए बांसुरी भी बजाई. वह घंटों तक उनसे ये सब सुनता रहा. हालांकि उसने पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा लेकिन नरेश सक्‍सेना ने ऐसा नहीं किया. 


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इस बीच नरेश सक्‍सेना के परिजन घर आ गए. वो गेट खटखटाने लगे तो साइबर ठग ने कहा कि कॉल मत काटना वरना जेल जाना पड़ेगा. लेकिन जैसे ही दरवाजा खोला तो बहू ने माजरा समझकर लपककर फोन काट दिया.


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 बाद में कवि नरेश सक्‍सेना ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहा कि ऐसे साइबर ठगों से बचें. हालांकि उन्‍होंने ये भी लिखा कि ऐसे दौर में जब कोई किसी की कविता पढ़ना या सुनना नहीं चाहता, ऐसे में उसने घंटों हमारी कविताएं सुनीं. उसने खुद को कविता प्रेमी कहा और बहुत तारीफ भी की.


डिजिटल अरेस्‍ट क्‍या है?
आजकल साइबर ठगी का नया गोरखधंधा है. इसमें साइबर ठग खुद को सीबीआई, ईडी अफसर बताकर सामने वाले को किसी गलत केस में नाम आने की सूचना देते हैं. उसके बाद पर्सनल जानकारियां लेकर सारी इनकम, आय, निवेश की सूचना ली जाती है और गलत केस में फंसने से बचाने के नाम पर पैसे ऐंठ लिए जाते हैं. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.