नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों के संसद की ओर मार्च के दौरान हुए लाठीचार्ज के दौरान एक महिला पत्रकार के साथ पुलिस द्वारा धक्का-मुक्की करने और उसका कैमरा छीन लेने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि महिला पत्रकार एक निजी अखबार में काम करती है. उसने जब पुलिस और छात्रों की झड़प के दौरान फोटो लेने की कोशिश की तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे जबरन वहां से हटा दिया. साथ ही उसका कैमरा भी छीन लिया.


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महिला पत्रकार ने दर्ज करवाई शिकायत
जानकारी के मुताबिक, महिला पत्रकार ने मामले में शिकायत दर्ज करवा दी है. पत्रकार ने आरोप लगाया कि फोटो लेने के दौरान एक वर्दी वाले शख्स ने उसे पकड़ा और वहां से जाने को कहा. उसने अपनी शिकायत में बताया कि ऐसा करने वाला दिल्ली पुलिस में निरीक्षक है. आरोप है कि पीछे नहीं हटने पर महिला पत्रकार को बलपूर्वक वहां से हटाया गया. इतना ही नहीं उसका कैमरा भी छीन लिया गया. घटना के बाद पत्रकार ने इस बाबत शिकायत दर्ज करवाई.



बैरिकेड्स के गलत साइड थी महिला पत्रकार
पुलिस का कहना है कि छात्रों को रोकने के लिए जो बैरिकेड्स लगाए गए थे, महिला पत्रकार उसके गलत साइड खड़ी हुई थी, जिस वजह से उसे वहां से हटाया गया. हालांकि, इस मामले में शिकायत मिलने के बाद पुलिस की ओर से जांच शुरू कर दी गई है. जांच पूरी होने पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.


JNU छात्रों ने निकाला संसद मार्च, पुलिस ने किया लाठीचार्ज


23 छात्र हिरासत में लिए गए
जेएनयू में 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता और यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक के निलंबन की मांग को लेकर शुक्रवार को संसद की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे छात्रों और शिक्षकों को पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछारें डालकर रोका था. इस दौरान छात्रों की पुलिस से झड़प भी हुई. बैरिकेड्स पार करने की कोशिश कर रहे करीब 23 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. छात्रों का आरोप है कि बिना किसी उकसावे के उन पर बल प्रयोग किया गया. वहीं पुलिस का कहना है कि छात्रों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली थी. बावजूद इसके उन्होंने न सिर्फ संसद की ओर रैली निकाली बल्कि पुलिस के बैरिकेडे्स को बल पूर्वक पार करने की कोशिश भी की.