Odisha Potato crisis: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में आलू संकट के लिए शुक्रवार को पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्ववर्ती बीजू जनता दल (बीजद) सरकार पर निशाना साधा है. दरअसल आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं होने की वजह से ओडिशा आलू की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पश्चिम बंगाल पर बहुत अधिक निर्भर रहता है. और जब पड़ोसी राज्य अपनी घरेलू मांग को पूरा करने की वजह से आलू की आपूर्ति बंद कर देता है तो ओडिशा समस्याओं का सामना करना पड़ता है.


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ममता दीदी में ओडिशा के लिए कोई ‘ममता’ नहीं


यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माझी और उपमुख्यमंत्री के वी सिंह देव ने ओडिशा में आलू की कमी के लिए ममता बनर्जी की आलोचना की.


माझी ने कहा, ’ओडिशा में आलू संकट का सामना करते हुए, हमने ममता दीदी से बात की, लेकिन व्यर्थ. वह उचित समय पर हमसे बदला लेती हैं. ममता दीदी में ओडिशा के लिए कोई ‘ममता’ नहीं है.’


हालांकि, माझी ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया कि बनर्जी किस तरह से बदला ले रही हैं. मुख्यमंत्री ने पिछली बीजद सरकार को भी दोषी ठहराया, जिस पर उन्होंने ओडिशा को आलू और प्याज के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में विफल रहने का आरोप लगाया.


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पिछले साल जून में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद से छह महीनों के दौरान पश्चिम बंगाल द्वारा कथित तौर पर आपूर्ति रोक दिए जाने के कारण ओडिशा को आलू के गंभीर संकट का सामना करना पड़ा है.


ओडिशा को ब्लैकमेल कर रहा बंगाल?


कार्यक्रम ‘कृषि ओडिशा 2025’ में सिंह देव ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल आलू से लदे ट्रकों को रोककर ओडिशा को ब्लैकमेल कर रहा है. लेकिन राज्य (ओडिशा) सरकार ने एक योजना तैयार की है. हम इस साल से किसानों को बड़े पैमाने पर आलू की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.’


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आलू की खेती करने के लिए पिछले महीने 1.80 लाख किसानों को 1.6 लाख किलोग्राम आलू के बीज उपलब्ध कराए हैं. (पीटीआई भाषा)