Electricity Crisis: तीन राज्यों में गहरा सकता है बिजली संकट, ऊर्जा मंत्री ने की बैठक
एक बार फिर देश में बिजली संकट की आशंका गहराने लगी है. कोयले का महंगा आयात तीन राज्यों को अंधेरे में ढकेल सकता है. माना जा रहा है कि आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान में बिजली संकट गहरा सकता है.
India Coal Shortage Looming Power Crisis: एक बार फिर देश में बिजली संकट की आशंका गहराने लगी है. कोयले का महंगा आयात तीन राज्यों को अंधेरे में ढकेल सकता है. माना जा रहा है कि आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान में बिजली संकट गहरा सकता है. इसे लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने एक हाई लेवल बैठक भी की है. बिजली की बढ़ती मांग और मौजूदा कोयले की कमी की स्थिति को लेकर ऊर्जा मंत्री ने कहा, 'घबराने की जरूरत नहीं है, हम बिजली की मांग पूरी करेंगे.' संघीय दिशानिर्देश अनुशंसा करते हैं कि बिजली संयंत्रों में औसतन कम से कम 24 दिनों का स्टॉक हो.
केंद्र ने राज्यों को जारी किए निर्देश
बैठक में सरकार ने राज्यों को खदानों के करीब थर्मल पावर प्लांटों को टोलिंग का उपयोग करने की अनुमति दी है. इसमें कहा गया है कि बिजली पैदा करने के लिए कोयला लिंकेज का उपयोग करते हुए कोयला परिवहन को कम किया जाए.
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने की बैठक
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने आयातित कोयला आधारित संयंत्रों और कोयले के स्टॉक की स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की. इसमें कुछ राज्यों के संबंध में लंबी दूरी के कोयला परिवहन से बचने के लिए लिंकेज कोयले के 25 प्रतिशत तक टोलिंग सुविधा की अनुमति दी गई है. आरके सिंह ने कहा कि इससे राज्य अपने लिंकेज कोयले का उपयोग खदानों के नजदीक संयंत्रों में बेहतर तरीके से कर सकेंगे. क्योंकि कोयले के परिवहन के बजाय दूर के राज्यों में बिजली पहुंचाना आसान होगा.
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में राज्यों के प्रधान सचिव, वरिष्ठ अधिकारी, स्वतंत्र बिजली उत्पादक और आयातित कोयला आधारित संयंत्रों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. बिजली की बढ़ती मांग को लेकर मंगलवार को हुई बैठक में केंद्रीय बिजली सचिव आलोक कुमार, अतिरिक्त सचिव विवेक कुमार देवांगन और पावर सीपीएसई के सीएमडी भी मौजूद थे.
बारिश में प्रभावित होती है कोयले की आपूर्ति
बयान में कहा गया है कि बिजली की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए यह अनुशंसा की गई थी कि सभी जेनको को 10 प्रतिशत तक सम्मिश्रण के लिए कोयले का आयात करने का प्रयास करना चाहिए. राज्य-वार और जेनको-वार लक्ष्य निर्धारित किए गए थे और मानसून की शुरुआत से पहले सम्मिश्रण उद्देश्यों के लिए कोयले की डिलीवरी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया था. क्योंकि बारिश के मौसम में घरेलू कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है.
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