What is Wagh Nakh:  मराठा छत्रपति शिवाजी जब डेक्कन में मुस्लिम शासकों के सामने चुनौती पेश करने लगे तो खलबली मच गई. बीजापुर की आदिलशाही सुल्तान को यकीन हो चला था कि अगर शिवाजी का सामना नहीं किया गया तो राजकाज बचा पाना मुश्किल हो जाएगा. शिवाजी (wagh nakh shivaji maharaj) से निपटने के लिए आदिलशाही सुल्तान ने अफजल खान को जिम्मेदारी थी. अफजल खान के बारे में कहा जाता है कि वो योग्य सेनापति के साथ साथ राजनीति का भी माहिर खिलाड़ी था. उसने शिवाजी को मिलने के लिए बुलाया. लंबे कदकाठी वाला अफजल खान धोखे से उन्हें मारना चाहता था लेकिन वो खुद शिकार बन गया. शिवाजी ने वाघ नख(wagh nakh return) की मदद से उसे मार डाला. उसी वाघ नख (wagh nakh in english)के बारे में यहां चर्चा करेंगे. 


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ब्रिटेन में है वाघ नख


सवाल यह है कि वाघ नख चर्चा (wagh nakh return) में क्यों है. दरअसल उसे भारत लाए जाने की तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि ब्रिटेन (wagh nakh uk) की सरकार वाघ नख को वापस करने पर रजामंद हो गए हैं. सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि वो विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय का दौरा करने वाले हैं. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला तो वाघ नख (wagh nakh in hindi) भारत आ जाएगा.उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि वाघ नख को उसी दिन भारत लाया जा जब शिवाजी ने अफजल खान को मार डाला. यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो किसी और तिथि पर विचार करेंगे.बता दें कि ग्रिगेरियन कैलेंडर के आधार पर शिवाजी ने 10 नवंबर 1659 को अफजल खान (afzal khan killed) को मारा था.


कैसा होता है वाघ नख


भारत में वाघ नख( wagh nakh in hindi ) का इस्तेमाल सबसे पहले मराठा छत्रपति शिवाजी(wagh nakh marathi news) ने किया था. इसे निहंग सिख भी इस्तेमाल करते हैं और पगड़ी में पहनते हैं. वाघ नख में चार से पांच घुमाव वाले ब्लेड होते हैं जिसे उंगलियों में पहना जाता है ताकि उस पर पकड़ बनी रहे. एक तरह से यह बाघ के पंजे की तरह नजर आता है. इसकी मदद से पुराने जमाने में दुश्मनों को काम तमाम किया जाता था.