President Election 2022 Voting: राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने के साथ लगभग 4,800 सांसद और विधायक आज सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान करेंगे. मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगा. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी जबकि देश के अगले राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे. बीजद, वाईएसआरसीपी, बसपा, अन्नाद्रमुक, टीडीपी, जद (एस), शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और अब झामुमो, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में हैं. यशवंत सिन्हा पर द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है. मुर्मू अगर निर्वाचित होती हैं तो वह देश के शीर्ष संवैधानिक पद को संभालने वाली आदिवासी समुदाय की पहली महिला होंगी.


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लंबी चर्चा के बाद विपक्ष ने घोषित किया यशवंत सिन्हा का नाम


अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सिन्हा का नाम लेने से पहले विपक्षी खेमे ने बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला से राष्ट्रपति पद की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए संपर्क किया था. 2017 के चुनाव में, राम नाथ कोविंद संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को हराकर राष्ट्रपति बने थे. कोविंद को कुल 7,02,000 वोट मिले थे. वहीं,मीरा कुमार को 3,67,000 वोट मिले थे.


मतदान से पहले द्रौपदी मुर्मू का बयान


राष्ट्रपति चुनाव से पहले द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि देश के शीर्ष संवैधानिक पद के वास्ते उनके नामांकन पर आदिवासी और महिलाएं उत्साहित और प्रसन्न हैं. मुर्मू ने रविवार को राजग सांसदों के साथ बातचीत की और राष्ट्रपति पद के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन की उम्मीदवार बनाने पर आभार जताया. सूत्रों के अनुसार मुर्मू ने बैठक में कहा, ‘मेरे नामांकन से आदिवासियों और महिलाओं में उत्साह है.’ उन्होंने कहा, ‘देश में लगभग 10 करोड़ आदिवासी हैं और उनके 700 से ज्यादा समुदाय हैं और वे सभी मेरे नामांकन से खुश हैं.’


मतदान से पहले यशवंत सिन्हा ने की ये अपील



विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले वोट डालने जा रहे सभी सदस्यों से अपील की है. उन्होंने कहा कि अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें और मुझे वोट दें. इस साल राष्ट्रपति चुनाव दो व्यक्तियों के बीच नहीं, बल्कि दो विचारधाराओं के बीच का चुनाव है. केवल एक पक्ष हमारे संविधान में निहित प्रावधानों और मूल्यों की रक्षा करना चाहता है. मैं सभी सांसदों और विधायकों से इस बार संविधान और उनकी अंतरात्मा की आवाज पर वोट करने की अपील करता हूं.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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