नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और फिर हत्या मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख जताया है. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'बच्ची के साथ जो कुछ भी हुआ, उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.'


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जम्मू-कश्मीर में श्री माता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'एक बच्ची के साथ जो कुछ भी प्रदेश में हुआ बेहद गलत था, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.' उन्होंने कहा कि 'आजादी के 70 साल बाद भी अगर देश के किसी हिस्से में इस तरह की घटना होती है तो यह बेहद शर्मनाक है.' उन्होंने कहा, 'हम कहां जा रहे हैं, कैसा समाज बना रहे हैं.'


विदेशी सरजमीं पर नाम रोशन करती बेटियां : कोविंद
राष्ट्रपति कोविंद ने आगे कहा, 'कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की बेटियां अपना वर्चस्व लहरा रही है. आज दुनिया भारतीय बेटियों का लोहा मान रही है, लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं.' इस दौरान उन्‍होंने मैरी कॉम, मोनिका बत्रा, साइना नेहवाल, पीवी सिंधु के नामों का उदाहरण भी दिया. 


 



 


क्या है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 10 जनवरी को कठुआ में 8 वर्षीय बच्ची अचानक गायब हो गई थी. उसके लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवाई गई थी. चार्जशीट के मुताबिक, आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया था. बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखा गया था. उसे बेहोश रखने के लिए नशे की दवाइयां दी गईं. 17 जनवरी को झाड़ियों में बच्ची का शव पाया गया था. मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टि हुई. बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी सांजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.


सुप्रीम कोर्ट की है पैनी नजर
सुप्रीम कोर्ट की ओर से 13 अप्रैल को जम्मू बार एसोसिएशन तथा कठुआ बार एसोसिएशन को आड़े हाथ लिये जाने के बाद अब सुनवाई सुचारू ढंग से चलने की उम्मीद है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में कुछ वकीलों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जम्मू उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की भी आलोचना की थी, जिसने प्रस्ताव पारित करके अदालती कार्यवाही में शामिल नहीं होने को कहा था.  


आठों आरोपी गिरफ्तार
चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी सांजी राम ने कथित रूप से विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा, प्रवेश कुमार उर्फ मन्नु, राम के भतीजे एक नाबालिग और उसके बेटे विशाल उर्फ ‘शम्मा’ के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया. आरोप पत्र में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को भी नामजद किया गया है जिन्होंने राम से चार लाख रुपये कथित रूप से लेकर महत्वपूर्ण सबूत नष्ट किये. आठों आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. अपराध शाखा जम्मू बार एसोसिएशन और कठुआ बार एसोसिएशन को उच्चतम न्यायालय के सामने 19 अप्रैल को पेश होने के लिए जारी नोटिस सौंपेंगी.