Robert Vadra: चुनावी राजनीति में गांधी परिवार के एक और सदस्य की एंट्री हो चुकी है. प्रियंका गांधी ने हाल ही में वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर ली है और अब वो लोकसभा में नजर आएंगी. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वॉड्रा कब सक्रिय राजनीति में एंट्री करेंगे. यानी अब वो कब चुनावी फल का जायका चखेंगे? इस संबंध में उनसे कई बार सवाल किए गए हैं. हाल ही में मीडिया से बात करते हुए वॉड्रा ने इस संबंध में बड़ा इशारा दे दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर लोगों को लगता है... तो मैं यकीनी तौर पर संसद में रहूंगा. 


'...मैं पार्लियामेंट में आऊंगा'


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केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी के चुनाव जीतने के बाद उनके कारोबारी पति रॉबर्ट वाड्रा से अक्सर उनकी राजनीति में एंट्री से संबंधित सवाल पूछे जा रहे हैं. बुधवार को मीडिया से बात करते हुए इस संबंध में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा,'अगर लोगों को लगता है कि मैं उनकी जरूरतों के मुताबिक बदलाव ला सकता हूं, तो मैं निश्चित रूप से संसद में रहूंगा.' वाड्रा ने आगे कहा कि मैं अभी सीख रही हा हूं, पिछली 2-3 दहाइयों से मैं सीख रहा हूं, अगर लोगों को लगता है कि मैं बदलाव ला सकता हूं तो मैं पार्लियामेंट में जाऊंगा लेकिन अभी हमारा फोकस प्रियंका गांधी पर है. 



कांग्रेस की संकट मोचक हैं प्रियंका


रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी एक लंबे समय से राजनीति का हिस्सा हैं लेकिन उन्होंने अभी तक चुनाव नहीं लड़ा था. वो सिर्फ 17 साल की उम्र से ही चुनावी कैंपेंस का हिस्सा रही हैं. 1999 में पहली बार अपनी मां के साथ चुनावी मुहिम प्रचार में शामिल होने वाली प्रियंका गांधी को राजनीति में 25 साल हो गए हैं लेकिन एक बार भी उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है. हालांकि इस बीच उन्होंने कांग्रेस पार्टी के कई अहम पदों पर जिम्मेदारियां निभाई हैं. हालांकि उनके नेतृत्व में कांग्रेस को मिली जुली सफलता ही मिल पाई. प्रियंका गांधी कई मौकों पर कांग्रेस के लिए संकट मोचक की भूमिका भी निभाती रही हैं. राजस्थान में सचिन पायलट के बागी रुख अपनाने के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट के समाधान में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी.


मिला-जुला रहा प्रियंका का प्रदर्शन


साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए चुनावों में प्रियंका ने अहम किरदार निभाया था. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन और सीट बंटवारे में प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका थी, हालांकि जब नतीजे आए तो इस गठबंधन को सफलता नहीं मिली. इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के अगले चुनाव यानी 2022 में भी उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारियां थी लेकिन इस चुनाव में भी वो कुछ खास नहीं कर पाईं. कांग्रेस को चुनावों में सिर्फ ढाई फीसदी के वोट शेयर और दो सीटें ही मिल पाईं. हालांकि 2022 में ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनावों में उनको बड़ी कामयाबी मिली.