नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पी चिंदबरम के समर्थन में उतर आईं हैं. आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम गिरफ्तारी से बचने के लिए लापता हो चुके है. पी. चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है. वह इससे बचने की जुगत में हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अब चिदंबरम ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है. बीती रात सीबीआई की टीम चिदंबरम के घर पर गई थी लेकिन वह नहीं मिले. इसके बाद सीबीआई ने उनके घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आज सुबह भी सीबीआई की टीम चिदंबरम के जोर बाग स्थित घर पर गई थी लेकिन वह नहीं मिले.


  यह भी पढ़ेंः सोनिया के अंतरिम अध्यक्ष बनने पर लगे होर्डिंग, रॉबर्ट वाड्रा का भी दिखा पोस्‍टर


प्रियंका गांधी वाड्रा चिदंबरम के समर्थन में उतर आई है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा, 'अत्यंत योग्य और शिक्षित राज्यसभा सदस्य पी चिदंबरम, जिन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ देश के वित्त मंत्री और गृह मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी. जो बेजिझक सत्ता के खिलाफ बोलते रहे और सरकार की नाकामियों का खुलासा करते रहे... ' 



अपने अगले ट्वीट में प्रियंका ने आगे लिखा, '....लेकिन सच्चाई कायरों के लिए असुविधाजनक है इसलिए उन्हें शर्मनाक तरीके से शिकार बनाया जा रहा है. हम उसके साथ खड़े हैं और सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे चाहे कोई भी परिणाम हो।'



इससे पहले चिदंबरम के वकील अर्शदीप सिंह खुराना ने कहा, "मेरे क्लाइंट (चिदंबरम) अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने 20 अगस्त को अग्रिम जमानत खारिज किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और तत्काल राहत दिए जाने की मांग की है." 


आज सुबह 10.30 इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है.  इस बीच, देर रात सीबीआई और ईडी के अधिकारियों की टीमें चिदंबरम के घर पहुंचीं, लेकिन वह वहां नहीं मिले. सीबीआई ने रात 11 बजे उनके घर पर नोटिस चस्‍पा कर दिया और दो घंटे में पेश होने का आदेश दिया. 


क्या है मामला
पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति केबिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील  3500 करोड़ रुपये की थी. वहीं INX मीडिया हेराफेरी मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम पर हेराफेरी करने का आरोप है.