Pune Porsche crash: पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट में एक नया ट्विस्ट आया है. पुणे पुलिस ने शुक्रवार को बताया है कि उसने पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट केस के सिलसिले में दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि येरवडा पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर विश्वनाथ टोडकरी को संस्पेड कर दिया गया है क्योंकि इन्होंने दुर्घटना के बारे में वायरलेस कंट्रोल रूम को सूचित नहीं किया था. 


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रविवार 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था. इस हादसे में बाइक सवार अनीष अवधिया और अश्विनी कोस्टा दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद ही कोर्ट से नाबालिग आरोपी को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी. लोगों ने जब इस पर सवाल उठाया तो पुलिस ने फिर से केस दर्ज किया.


अब तक क्या-क्या हुआ


1. नाबालिग आरोपी के पिता गिरफ्तार


लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को छत्रपति संभाजीनगर से मंगलवार को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा जिस पब में नाबालिग ने शराब पी थी उसके मालिक और मैनेजर को भी अरेस्ट किया था. इन पर आरोप है कि बच्चे की उम्र की जानकारी लिए बिना उसे शराब दी गई. विशाल अग्रवाल पुणे के नामी बिल्डरों में से एक हैं. 


2. बेटे को बचाने के लिए ड्राइवर को फंसाने की तैयारी


पुणे पुलिस ने इसकी पु्ष्टि की है कि इस दुर्घटना में एक फैमिली ड्राइवर को फंसाने की कोशिश की गई.  पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि हम इन चीजों की जांच कर रहे हैं और आईपीसी की धारा 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत ऐसे प्रयास करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. हम इसकी भी जांच कर रहे हैं कि ड्राइवर ने किसके दबाव में यह बयान दिया है. 


3. दो पुलिस अधिकारी सस्पेंड


पुणे पुलिस प्रमुख का कहना है कि आंतरिक जांच में मामला दर्ज करते समय कुछ पुलिसकर्मियों की ओर से चूक हुई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. शुक्रवार को ही येरवडा पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर और सहायक पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. यह वही दोनों अफसर हैं जो घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे थे. लेकिन दोनों ने अपने सीनियर्स और कंट्रोल रूम में मामले में जानकारी नहीं दी. 


4. नाबालिग चला रहा था कारः पुलिस


पुलिस का कहना है कि हमारी जांच के दौरान यह सामने आया है कि कार नाबालिग ही चला रहा था और हमने सभी जरूरी साक्ष्य जुटा लिए हैं. जैसे- जब नाबालिग घर से निकला तो सिक्योरिटी रजिस्टर के मुताबिक वह अपनी कार के साथ निकला था. तकनीकी और सीसीटीवी सबूतों से भी इसकी पुष्टि हुई है कि कार नाबालिग ही चला रहा था. इसके अलावा प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी पुष्टि की है कि कार नाबालिग ही चला रहा था.


5. नाबालिग आरोपी होश में था: पुलिस


पुणे पुलिस कमिश्नर का कहना है कि दुर्घटना के समय आरोपी नाबालिग होश में था. उन्होंने यह भी कहा कि उसे इस बात की पूरी जानकारी थी कि नशे की हालत में गाड़ी चलाने से इस तरह के एक्सीडेंट हो सकते हैं और लोगों की जान जा सकती है. ऐसा नहीं था कि नाबालिग ड्राइवर इतने नशे में था कि उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. 


6. ब्लड रिपोर्ट ही एकमात्र आधार नहींः पुलिस


पुलिस ने दावा किया है कि उनके पास दुर्घटना से पहले पब में शराब पीते आरोपियं के सीसीटीवी फुटेज हैं. यानी ब्लड रिपोर्ट ही इस दुर्घटना का एकमात्र आदार नहीं है. हमारे पास अन्य अन्य सबूत भी हैं. आरोपियों की ब्लड रिपोर्ट पर पुलिस ने कहा है कि हमें तक रिपोर्ट नहीं मिली है. हमने फोरेंसिक से डीएनए सैंपल भी लेने का अनुरोध किया है.


7. कोर्ट ने इन शर्तों पर दी थी जमानत


पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट में सबसे ज्यादा बवाल कोर्ट द्वारा जमानत देने में लगाई शर्तें पर मचा है. नाबालिग आरोपी को जमानत देते हुए कोर्ट ने जो शर्तें लगाई हैं. वो हैं-


A. नाबालिग आरोपी 15 दिन तक ट्रैफिक पुलिस के साथ चौराहे पर खड़े होकर ट्रैफिक पुलिस को मदद करेगा. साथ ही ट्रैफिक नियमों को ठीक से समझने के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर आरटीओ को सौंपेगा.


B. नाबालिग आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.


C. नाबालिग की शराब की लत छूटे उसके लिए उसे मनोचिकित्सक विशेषज्ञों से इलाज कराना होगा. 


D. अगर भविष्य में वह इस तरह की दुर्घटना देखता है तो उसे दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी होगी.