One Nation One Election पर आई राहुल गांधी की पहली प्रतिक्रिया, कह दी ये बड़ी बात
Lok Sabha Election 2024: वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बयान आया है. राहुल गांधी ने एक देश एक चुनाव को संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला बताया.
Rahul Gandhi Statement: केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) को लेकर कमेटी गठित कर चुकी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में चुनाव को लेकर बिल भी ला सकती है. इस बीच, कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की वन नेशन वन इलेक्शन पर पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. राहुल गांधी ने वन नेशन वन इलेक्शन को संघ पर हमला बताया है. एक देश एक चुनाव को लेकर कांग्रेस (Congress) पीछे हट गई है. एक देश एक चुनाव को लेकर बनी कमेटी से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने किनारा कर लिया है.
राहुल गांधी का पहला रिएक्शन
वन नेशन वन इलेक्शन पर रिएक्शन देते हुए राहुल गांधी ने पोस्ट किया, 'इंडिया अर्थात भारत, राज्यों का एक संघ है. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है.'
अधीर रंजन चौधरी की गृहमंत्री को चिट्ठी
वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है. लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी में जिक्र किया है कि राज्यसभा में मौजूद नेता विपक्ष को इस कमेटी से बाहर रखा गया है. ये संसदीय लोकतंत्र की प्रणाली का जानबूझकर किया गया अपमान है. इन परिस्थितियों में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
कौन-कौन है कमेटी का सदस्य?
जान लें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने एक देश एक चुनाव की समिति के लिए अधिसूचना जारी कर चुकी है. इस समिति में अध्यक्ष समेत 8 सदस्यों का नाम शामिल है. समिति के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं. इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी सदस्य बनाए गए हैं.
बीजेपी और विपक्ष आमने-सामने
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बीजेपी और विपक्षी दल आमने सामने है. एक तरफ बीजेपी इसके फायदे गिना रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी दलों के नेता इसपर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बीजेपी की मंशा संसदीय ढांचे में बदलाव की लग रही है और इन्हें पहले से ही भारतीय संवैधानिक ढांचे में विश्वास नहीं है. वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने पूछा कि देश में इतने संगीन मामले हुए उसपर कोई कमेटी नहीं बैठी. फिर एक देश एक चुनाव में कमिटी क्यों?