Rahul Gandhi News: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 की शुचिता पर सवाल उठाए हैं. गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि 'मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता. मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं.' वह वाशिंगटन डीसी की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से मुखातिब थे. राहुल ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करते. उन्होंने कहा कि कभी-कभी उन्हें मोदी से सहानुभूति होती है.


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राहुल ने कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में भाजपा 246 के करीब थी. उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था. उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे... चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे. पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें. जिन राज्यों में वे कमजोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग तरीके से डिजाइन किया गया था जहां वे मजबूत थे.'


'चुनाव से पहले संस्थाओं पर कब्जा किया गया'


राहुल ने कहा, 'चुनावों से पहले, हम इस विचार पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है... आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्ज़ा कर लिया है. मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्ज़ा कर लिया है. हम यह कहते रहे लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था... मैंने संविधान को आगे रखना शुरू किया और मैंने जो कुछ भी कहा था, वह अचानक से फूट पड़ा... गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत, जिसने यह समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा... गरीब लोगों ने गहराई से समझ लिया कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है... जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया... ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं...'


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'मैं मोदी से नफरत नहीं करता'


राहुल ने वाशिंगटन में कहा, 'मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता... मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता, कई क्षणों में मैं उनके प्रति सहानुभूति रखता हूं...' उन्होंने कहा कि 'हमें विश्वास है कि हम बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. अगले दो या तीन महीनों में हम ये चुनाव जीत लेंगे.'


'चुनावों के बाद लोगों का डर निकल गया'


इससे पहले, वर्जीनिया में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के एक इवेंट में बोलते हुए राहुल ने कहा कि 'चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सारे बैंक खाते सील कर दिए गए... हम चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करना है... मैंने कहा देखी जाएगी, देखते हैं क्या होता है...' कांग्रेस नेता ने कहा, 'चुनावों के बाद कुछ बदल गया है. कुछ लोगों ने कहा कि 'डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब'... मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर फैलाया और छोटे व्यवसायों पर एजेंसियों का दबाव, सब कुछ एक सेकंड में गायब हो गया. उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और एक सेकंड में गायब हो गया...'


राहुल ने आगे कहा, 'संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मिस्टर मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है...'



'भारत की राजनीति बदल चुकी है'


देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत में राजनीति मौलिक रूप से बदल गई है. हमारे नजरिए से, हम जो देखते हैं - कुछ लोग सहमत होंगे, और कुछ असहमत होंगे... हम मोदी के नजरिए से सहमत नहीं हैं; हम उनसे लड़ते हैं. हमारे लिए, हम देश के लिए एक नए नजरिए की बुनियादी नींव रखने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने समय-समय पर ऐसा किया है.'


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