मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर मैंने करियर शुरू किया... वीडियो शेयर कर राहुल गांधी को क्यों देनी पड़ी सफाई?
Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो पोस्ट कर साफ कहा है,`मैं कारोबार विरोधी नहीं हूं मैं एकाधिकार विरोधी हूं.` इस मौके पर उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने खुद अपने करियर का आगाज मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर किया था.
Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया है. जिसमें वो ये बता रहे हैं कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कैसे की. वीडियो राहुल गांधी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उन्होंने अपने करियर का आगाज मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर किया था. हालांकि कुछ लोगों के ज़हन में सवाल आ रहा है कि आखिर राहुल गांधी को क्यों बताना पड़ रहा है कि उन्हें कैसे अपने करियर की शुरुआत की. तो इसका जवाब भाजपा की तरफ से लग रहे आरोप हैं. जिसमें राहुल गांधी को व्यापार विरोधी बताया गया है.
मैं नौकरियों को समर्थन करता हूं:
राहुल गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि वह व्यापार विरोधी नहीं हैं, बल्कि एकाधिकार और आर्थिक शक्ति के एक ही जगह होने के सख्त खिलाफ हैं. गांधी ने भाजपा द्वारा उन्हें व्यापार विरोधी के रूप में पेश किए जाने का विरोध किया और इस बात पर जोर दिया कि उनके रुख को गलत तरीके से पेश किया गया है. राहुल गांधी ने इस संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो संदेश जारी किया. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा,'मैं नौकरियों का समर्थक हूं, व्यापार का समर्थक हूं, नवाचार का समर्थक हूं, प्रतिस्पर्धा का समर्थक हूं. मैं एकाधिकार का विरोधी हूं. हमारी अर्थव्यवस्था तभी फलेगी-फूलेगी जब सभी व्यवसायों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष स्थान होगा.'
वीडियो में क्या कह रहे हैं राहुल:
राहुल ने वीडियो में कहा,'मैं एक बात बिल्कुल साफ कर देना चाहता हूं कि भाजपा में मेरे विरोधियों ने मुझे व्यापार विरोधी के रूप में पेश किया है. मैं बिल्कुल भी व्यापार विरोधी नहीं हूं.' गांधी ने कहा,'मैं एकाधिकार विरोधी हूं. मैं अल्पाधिकार बनाने का विरोधी हूं. मैं एक या दो या 3 या 5 लोगों के वर्चस्व का विरोधी हूं. मैंने अपना करियर एक मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में शुरू किया था और मैं समझता हूं कि किसी कारोबार को सफल बनाने के लिए किस तरह की चीजों की आवश्यकता होती है. इसलिए मैं बस दोहराना चाहता हूं, मैं व्यापार विरोधी नहीं हूं, मैं एकाधिकार विरोधी हूं.'
क्यों देनी पड़ रही सफाई:
गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर 'एकाधिकार मॉडल' चलाने का आरोप लगाते हुए इंडियन एक्सप्रेस में एक संपादकीय में कहा, इन 'कुलीन समूहों' के कारण लाखों कारोबार तबाह हो गए हैं, जिससे रोजगार पैदा करना मुश्किल हो गया है. गांधी ने कहा कि इन 'मैच फिक्सिंग' एकाधिकार समूहों ने बढ़ती असमानता के बीच अपार संपत्ति अर्जित की है. 'मूल ईस्ट इंडिया कंपनी 150 साल पहले बंद हो गई थी लेकिन उसके बाद जो डर पैदा हुआ था, वह वापस आ गया है. एकाधिकारवादियों की एक नई नस्ल ने इसकी जगह ले ली है. उन्होंने अपार संपत्ति अर्जित की है, जबकि भारत बाकी सभी के लिए कहीं अधिक असमान और अनुचित हो गया है.'
भाजपा ने बताया बालक बुद्धि:
इसके जवाब में भाजपा ने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'निराधार आरोप' लगा रहे हैं. साथ ही आगे कहा कि राहुल गांधी को चाहिए कि वो निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उनसे तथ्यों की जांच करने को कहा. बीजेपी ने एक्स पर लिखा,'तथाकथित 'मैच-फिक्सिंग, एकाधिकार समूहों बनाम निष्पक्ष खेल व्यवसायों के माध्यम से मोदी सरकार के खिलाफ एक और निराधार आरोप केवल गुमराह करने वाले हैं. इसमें भाजपा ने एक बार फिर राहुल गांधी को बालक बुद्धि करार दिया.