नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश के करीब एक महीने बाद राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि वह फैसला नहीं करेंगे कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा. उनकी इस टिप्पणी से एक बार फिर इसे लेकर असमंजस बढ़ गया है कि वह अध्यक्ष बने रहेंगे या नहीं. 


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दरअसल, गांधी ने अपने आगामी कदमों को लेकर लग रही अटकलों के बीच गुरुवार को कहा कि वह इस बारे में फैसला नहीं करेंगे. गांधी से जब यह पूछा गया कि उनके बाद किसे कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाएगा, तो उन्होंने उत्तर दिया कि उनके उत्तराधिकारी के बारे में वह निर्णय नहीं लेंगे.


उधर, इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी की कार्य समिति की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी और इसके बाद से इसे लेकर लगातार अनिश्चितता बनी हुई है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष रहेंगे अथवा कोई वैकल्पिक व्यवस्था होगी. हाल ही इस अनिश्चितता पर उस वक्त विराम लगता हुआ दिखा था जब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से कहा था, ‘‘राहुल जी अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे. हममें से किसी को इस पर कोई संदेह नहीं है.’’ 


वैसे, इस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता गांधी को मनाने की कोशिश करते रहे हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी गांधी से मुलाकात की और बाद में कहा कि पार्टी से जुड़ा हर व्यक्ति चाहता है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहें.