नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजपथ पर आयोजित 69वें गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया. 26 जनवरी के इस कार्यक्रम में राहुल गांधी को बैठने के लिए छठी पंक्ति में जगह दी गई. गौरतलब है कि पार्टी ने राहुल को चौथी पंक्ति में बैठने की जगह दिये जाने पर विरोध जताया था. समारोह के दौरान राहुल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद से बातचीत करते नजर आये.कांग्रेस के एक नेता ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस अध्यक्ष को पहली पंक्ति में बैठने की जगह ना देकर मोदी सरकार ‘‘सस्ती राजनीति’’ कर रही है.


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कांग्रेस सूत्रों का कहना था कि स्वतंत्रता के बाद से ही पार्टी अध्यक्ष पहली पंक्ति में बैठते आये हैं. गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाले ध्वाजारोहण और परेड कार्यक्रम में राहुल गांधी को आमंत्रित तो किया गया है, लेकिन उन्हें बैठने के लिए पहली पंक्ति में जगह नहीं दी गई है.


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यह पहला मौका है जब कांग्रेस अध्यक्ष को 26 जनवरी के कार्यक्रम में पहली पंक्ति में जगह नहीं दी गई है. कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के इस फैसले की निंदा की है और कहा है कि यह फैसला मौजूदा केंद्र सरकार की मानसिकता को दर्शाता है. इससे पहले कांग्रेस के विपक्ष में होने के बावजूद इस पार्टी के अध्यक्ष को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में पहली पंक्ति में बैठने को दिया जाता रहा है.


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी 2014 में इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से गणतंत्र दिवस परेड में हमेशा प्रथम पंक्ति में बैठने का स्थान दिया गया है. गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में होने वाले ध्वाजारोहण और परेड कार्यक्रम में राहुल गांधी को आमंत्रित तो किया गया है, लेकिन उन्हें बैठने के लिए पहली पंक्ति में जगह नहीं दी गई है. 26 जनवरी के कार्यक्रम में राहुल गांधी को बैठने के लिए छठी पंक्ति में जगह दी गई. 


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राहुल गांधी ने कार्यक्रम में की शिरकत
गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में भले ही राहुल गांधी को बैठने के लिए छठी पंक्ति में जगह दी गई है, लेकिन उन्होंने इसमें हिस्सा लिया. कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया था कि राहुल गांधी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में जरूर हिस्सा लेंगे. बीजेपी की सरकार भले ही ओछी राजनीति करे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष की राष्ट्रीय पर्व का सम्मान करते हैं.


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मालूम हो कि इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान के 10 राष्ट्राध्यक्ष बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे थें. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया. कांग्रेस नेता ने बताया कि हमें पता चला है कि राहुल को छठी पंक्ति में जगह 'सरकार के कहने पर दी गई थी. 


जमीन से लेकर आसमान तक कड़ी सुरक्षा
गणतंत्र दिवस की तैयारियों और हाई-प्रोफाइल शिखर सम्मेलन के लिए 10 आसियान नेताओं के आगमन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में जमीन से लेकर आसमान तक ऐसी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. दिल्ली और शहर के सीमावर्ती इलाकों में हजारों सशस्त्र कर्मी पूरी सतर्कता के साथ गतिविधयों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं थेे. जिससे आयोजित होने वाला गणतंत्र दिवस समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हो सका. अधिकारी ने बताया कि विमान रोधी बंदूकों के साथ बड़ी संख्या में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए थे. 


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दिल्ली पुलिस दल सुरक्षा ऑडिट कर रही थी
सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. उनकी फुटेज की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए थे. पुलिस अधिकारी अहम स्थानों पर कड़ी नजर बनाए हुए थे. सभी बाजारों में सतर्कता बरती जा रही थी. दिल्ली पुलिस दल सुरक्षा ऑडिट कर रही थी. मुख्य बाजारों में पुलिस ने खोजी कुत्तों को भी तैनात किया गया था. अधिकारी ने बताया कि पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं.


नई दिल्ली क्षेत्र में 50,000 जवानों को तैनाती
पूरे मध्य एवं नई दिल्ली क्षेत्र में दिल्ली पुलिस तथा केंद्रीय सुरक्षा बलों के करीब 50,000 जवानों को तैनात किया गया था. इलाके में बहु-स्तरीय सुरक्षा तैनात की गई थी. अर्द्धसैनिक तथा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. आसियान नेता गणतंत्र दिवस परेड पर मुख्य अतिथि थे. दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) एक बहुपक्षीय संघ हैृ. इसमें थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई, लाओस, म्यामां, कंबोडिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम शामिल थे.