Railway Interesting Facts: भारतीय रेलवे अपने यात्रियों के लिए 24 घंटे काम करती है. इस 24 घंटे में हर पल विशेष ध्यान दिया जाता है कि कहीं कोई हादसा न हो जाए. इसके लिए रेलवे ने मजबूत तंत्र भी तैयार किया है. ऑटोमेशन के युग में भी कुछ अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ यह ध्यान देते हैं कि ट्रेन का संचालन सुरक्षित हो रहा है या नहीं. इसके लिए कई तरह के सिंबल और साइनबोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है. आज हम आपको रेलवे ट्रैक के किनारे दिखने वाले 'H' सिंबल के बारे में बताने जा रहे हैं.


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सिंबल लोको-पायलट के लिए होता है


'H' ही नहीं बल्कि ऐसे तमाम सिंबल हैं जो ट्रेन के ड्राइवर यानी लोको पायलट को इशारा करते हैं. 'H' सिंबल भी इन्हीं में से एक है. यह सिंबल विशेषकर लोको-पायलट के लिए ही होता है. इसे ‘H’ को  Halt का इशारा देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.


लोकल पैसेंजर ट्रेनों के लिए होता है इस्तेमाल


यह आमतौर पर लोकल पैसेंजर ट्रेनों के संचालन प्रक्रिया में इस्तेमाल होता है. पैसेंजर ट्रेन को गंतव्य की तरफ ले जा रहे लोको-पायलट 'H' सिंबल देखकर समझ जाते हैं कि आगे हॉल्ट है. यह 'H' सिंबल स्टेशन से कुछ दूरी या एक किलोमीटर की दूरी पर लगाया जाता है.


यह सिंबल है बेहद जरूरी


लोको-पायलट इस सिंबल को देख के ट्रेन की स्पीड धीमी कर देते हैं. हॉल्ट का अर्थ है पड़ाव. इन हॉल्ट स्टेशनों को किसी गांव या कस्बों के लिए बनाया जाता है. इन हॉल्ट स्टेशनों पर सभी ट्रेनें नहीं रुकतीं. कुछ चुनिंदा ट्रेनें ही इन स्टेशनों पर कुछ देरी के लिए रुकती हैं. एक्सप्रेस ट्रेनें आपात स्थिति में इन हॉल्ट स्टेशनों पर रुकती हैं.