राजस्थान: विधानसभा चुनावों से पहले सत्ता के सेमीफाइनल में वसुंधरा राजे को करारी शिकस्त
अब तक की मतगणना में जो रुझान सामने निकलकर आए हैं, उससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. तीनों सीटों पर कांग्रेस बड़े अंतर से आगे चल रही है.
जयपुर : राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से आज सेमीफाइनल चुनावों के नतीजे समाने आ गए हैं. प्रदेश की दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को उसके ही गढ़ में मात दी है. इसी साल के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी और प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए यह बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है. उपचुनावों में मिली शिकस्त की समीक्षा करने के लिए वसुंधरा राजे ने शाम को बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई है.
ग्यारहवें राउंड के बाद कांग्रेस को बढ़त
गुरुवार को सुबह जो शुरुआती रुझाने आए थे उसमें बीजेपी का दबदबा दिखने को मिल रहा था, लेकिन ग्यारहवें राउंड की गिनती के बाद कांग्रेस बढ़त बनाने में कामयाब रही. पिछले चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो तीनों सीटों पर बीजेपी का ही राज था. इन तीनों ही सीटों पर कांग्रेस के सासंद सचिन पायलट ने धुआंधार प्रचार किया था. रुझानों में कांग्रेस की बढ़त की जानकारी मिलते ही सचिन ने दावा किया कि यह सिर्फ रुझान है, कांग्रेस को प्रदेश में और भी ज्यादा बढ़त मिलेगी और पार्टी जीत दर्ज करने में कामयाब होगी. इस दौरान सचिन ने कहा कि इन चुनावों में जनता से वसुंधरा राजे और उनकी सरकार के कामों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
अलवर में कांग्रेस का दबदबा
नतीजों के रुझानों से पहले अलवर की सीट पर 2 यादव उम्मीदवार होने की वजह से कांटे की टक्कर मानी जा रही थी, लेकिन जैस-जैसे दिन ढल रहा है कांग्रेस का दबदबा सीट पर बढ़ा. वैसे ही अलवर सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व पहले भी रहा है. कांग्रेस अब तक 10 बार अलवर लोकसभा सीट को अपने खाते में लाने में कामयाब रही है, जबकि 3 बार यह सीट बीजेपी के खाते में गई है. अलवर में यादव मतदाताओं को देखते हुए कांग्रेस ने पूर्व सांसद कर्ण सिंह यादव और बीजेपी श्रम मंत्री जसवंत यादव पर दांव खेला था.
अजमेर में इनके बीट कांटे की टक्कर
अजमेर सीट से बीजेपी ने सांवर लाल जाट के बेटे रामस्वरूप लांबा को मैदान में उतारा है. सांवरलाल जाट ने लोकसभा चुनाव में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सचिन पायलट को शिकस्त दी थी. वहीं, कांग्रेस की ओर से केकड़ी से विधायक रहे डॉ. रघु शर्मा मैदान में हैं. डॉ. शर्मा केकड़ी के पूर्व विधायक (2008-2013) भी रहे हैं. वे पूर्व में जयपुर लोकसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ चुके हैं. रघु शर्मा राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष रहे. भिनाय से दो और जयपुर लोक सभा सीट से एक बार चुनाव लड़ चुके हैं. 2009 में केकड़ी विधानसभा से सीट लड़ा और त्रिकोणीय मुकाबले में जीते. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सीपी जोशी सचिन पायलट तीनों से ही उनका बेहतरीन तालमेल. प्रदेश कांग्रेस में अभी उपाध्यक्ष हैं, युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं.
अजमेर में रघु शर्मा पर सचिन ने खेला दांव
कांग्रेस के सांसद सचिन पायलट से जब प्रदेश कांग्रेस ने अजमेर उपचुनावों के प्रत्याशी के लिए सुझाव मांगे थे, उस वक्त उन्होंने रघु शर्मा का नाम आगे किया था. रघु के अजमेर विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के बाद इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई थी कि अगर एक बार फिर पायलट अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे, तो अशोक गहलोत का सीएम
प्रत्याशी बनना लगभग तय हो जाएगा.