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Jaipur News: अब बच्चे स्कूलों में देश की सभ्यता और संस्कृति के बारे में पढ़ेंगे. पाठ्यक्रम समिति ने नए पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर संकेत दिए हैं, जिसमें राष्ट्रभक्ति की भावनाओं से उत्प्रेरित करने वाले अध्याय जोड़े जाएंगे. पाठ्यक्रम बदलाव समिति का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण की भावना छात्रों में जागृत करना है। विकसित भारत 2047 के विजन के तहत नए अध्याय जोड़े जाएंगे, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा.
पाठ्य पुस्तकों का भी होगा भगवाकरण पाठ्यक्रम बदलाव के तहत अब पुस्तकों में भारतीय सभ्यता संस्कृति सनातन धर्म को बढ़ावा देने वाली अध्ययों को जोड़ा जाएगा. पाठ्यक्रम संशोधन समिति की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है. विकसित भारत के 2047 के विजन के तहत पाठ्यपुस्तकों में बदलाव कर उसे स्कूल विद्यार्थियों को भी नई तकनीकी से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें भारतीय सभ्यता संस्कृति के अनुरूप शिक्षा प्रदान की जाए.
पाठ्य पुस्तक में बदलाव की कवायद तेज होने के साथ ही पाठ्यक्रम में क्या कुछ बदलाव किया जाना है यह भी तय कर लिया गया. इसको लेकर पाठ्यक्रम बदलाव समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष कैलाश सौढानी की अध्यक्षता में आयोजित हुई इस बैठक में पुस्तकों का गहन अध्ययन कर उनमें से अध्याय की छटनी करने के साथ ही भारतीय शिक्षा नीति व भारतीय संस्कृति के अनुरूप नए अध्याय जोड़ने को लेकर निर्णय किया गया.
वहीं पाठ्यक्रम बदलाव समिति के अध्यक्ष कैलाश सौढानी ने कहा कि केंद्र शिक्षा नीति 2020 के तहत नए अध्याय जोड़ने के साथ-साथ युवाओं को नई तकनीकी वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ उन्हें सभ्यता व संस्कारों से जोड़ने वाले अध्यायों को भी ऐड किया जाएगा.
समिति के अध्यक्ष कैलाश सोडानी का कहना है कि हमें पाठ्यक्रम में वह अध्याय जोड़ने होंगे जिससे छात्रों में देशभक्ति की भावना जागृत हो,,, आज जो पाठ्यक्रम हमारे बच्चे पढ़ रहे हैं वह युवाओं को राष्ट्रभक्ति के लिए उतना प्रेरित नहीं कर रहा,,, जो जानकारी बच्चों को मिलनी चाहिए वह जानकारी बच्चों को नहीं मिल रही.
दुर्भाग्यवस हमारे बच्चों में देश के प्रति वह भावना पैदा नहीं हो पा रही और इसीलिए अब समिति की सभी सदस्यों के साथ चर्चा कर हमारे पाठ्यक्रम में जो भी आवश्यक जरूरत है उनमें बदलाव करेंगे. सोडानी ने कहा कि छात्रों की वर्तमान समय की जरूरत को देखते हुए पाठ्यक्रम में बदलाव करेंगे हालांकि पाठ्यक्रम में 15 से 20% का बदलाव होगा,,, कोई अमूलचूल परिवर्तन नहीं होगा लेकिन वर्तमान समय में देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बदलाव किया जाएगा.
अब बच्चे स्कूलों में देश की सभ्यता और संस्कृति के बारे में पढ़ेंगे. पाठ्यक्रम समिति ने नए पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर संकेत दिए हैं, जिसमें राष्ट्रभक्ति की भावनाओं से उत्प्रेरित करने वाले अध्याय जोड़े जाएंगे। पाठ्यक्रम बदलाव समिति का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण की भावना छात्रों में जागृत करना है. विकसित भारत 2047 के विजन के तहत नए अध्याय जोड़े जाएंगे, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा.
समिति के सदस्य व पूर्व आईएएस अधिकारी श्यामसुंदर बिस्सा ने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव जो होगा उसमें नए पाठ्यक्रम कुछ इस तरह के जोड़े जाएंगे जिनसे की व्यक्ति में राष्ट्र निर्माण व राष्ट्र सेवा की भावना जागृत हो. राष्ट्रप्रथम की भावना जागृत हो. इसको ध्यान में रखते हुए नए अध्याय जोड़े जाएंगे. जीवन मूल्य से जुड़ी हुई शिक्षा हो. भारतीय संस्कृति भारतीय ज्ञान की ओर उनका ध्यान आकर्षित हो. पढ़ने वाले छात्रों में यह भावना जागृत हो कि हमारे देश की संस्कृति की रक्षा कैसे हो.
शिक्षा मंत्री के ओएसडी सतीश गुप्ता ने कहा कि सभी किताबों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है और अध्ययन के बाद जल्द ही जो चीज निकल कर आएगी जो तथ्य बच्चों को नहीं पढ़ना चाहिए उन सब को हटा दिया जाएगा. गुप्ता ने कहा कि शैक्षिक अनुसंधान की बैठक लेकर अनुसंधान के अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि सभी तैयारियां पूर्ण करें, जैसे ही सरकार की तरफ से समिति की तरफ से पाठ्यक्रम में बदलाव के निर्देश दिए जाते हैं.
नए पाठ्यक्रम की तुरंत छपाई हो और बच्चों को जल्द पुस्तकके उपलब्ध करवाई जाए,,, ऐसे में पाठ्यक्रम में बदलाव की कवायद जोर पकड़ चुकी है और जल्द ही शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ भारतीय सभ्यता व संस्कृति को बढ़ावा देने वाले नए अध्याय जोड़ते हुए नए पाठ्यक्रम की जल्द शुरुआत करने वाला है.