राजस्थान कांग्रेस में मचा घमासान पार्टी नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच दरार बढ़ती ही जा रही है. केंद्रीय नेतृत्व की तमाम कोशिशों के बाद भी सचिन पायलट आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं. इस सियासी तनातनी से निपटने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ को जिम्मेदारी सौंपी है. 


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पार्टी ने उन्हें दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने के लिए उतारा है. गुरुवार को कमलनाथ ने सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात की. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कमलनाथ ने हरियाणा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात की है.


किसके कहने पर कमलनाथ ने की बातचीत?


पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी के कहने पर कमलनाथ ने सचिन पायलट से बातचीत शुरू की है. खड़गे ने वेणुगोपाल से कहा कि वे किसी फैसले पर पहुंचने से पहले पायलट से मिलें और उनका पक्ष सुनें. इस बीच पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के कथित मामलों में कार्रवाई की मांग को पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं कहा जा सकता है.


पार्टी नेताओं की चली बैठकें


उन्होंने तर्क दिया कि पार्टी ने 2018 के चुनावों में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. ऐसे में सरकार को इस पर कार्रवाई करना चाहिए था. विवाद को सुलझाने के लिए दिन भर बैठकें चलीं. केसी वेणुगोपाल और पार्टी के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से अलग-अलग मुलाकात की. 


पायलट के साथ आधे घंटे हुई बातचीत


इसके बाद वेणुगोपाल ने कमलनाथ से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की. वेणुगोपाल और पायलट फिर कमलनाथ के आवास पर गए. इन नेताओं के बीच आधे घंटे तक बैठक चली. हुड्डा से मिलने से पहले कमलनाथ ने वेणुगोपाल और रंधावा से अलग-अलग मुलाकात की. कमलनाथ की भूमिका दिलचस्प मानी जा रही है क्योंकि वो और गहलोत कांग्रेस की राजनीति में एक लंबा सफर तय कर चुके हैं. 


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