Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot: राजस्थान कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के लिए छठी लिस्ट जारी कर दी है. इसमें 23 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान हुआ. लिस्ट में मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी मंत्री महेश जोशी का टिकट कट गया है. हवामहल सीट से कांग्रेस नेता आरआर तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया है. वह पार्टी की जयपुर शहर इकाई के अध्यक्ष हैं. और महेश जोशी इस सीट से मौजूदा विधायक हैं. इस बीच गहलोत खेमे के अन्य विधायकों पत्ता भी साफ होता दिख रहा है. इस सूची में कांग्रेस ने संगरिया से अभिमन्यु पुनिया, भादरा विधानसभा सीट से अजीत बेनीवाल का नाम लिखा है.


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गहलोत-पायलट विवाद - पिक्चर अभी बाकी है?


गहलोत-पायलट विवाद पांच साल खूब चर्चा में रहा. रूठने-मनाने और आलाकमान को सीधी चुनौती देने जैसे जुड़े कुछ बगावती एपिसोड देखने को मिले. कांग्रेस के नेता इसे मामूली मनमुटाव और मतभेद बताते हुए सब कुछ ठीक होने का ऐलान कर चुके थे. अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन करने वाले पायलट ने न सिर्फ उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि गहलोत सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी घेरा, हालांकि पायलट खेमें के नेताओं ने खामोशी की चादर ओढते हुए सबकुछ आलाकमान के ऊपर छोड़ दिया था. ऐसे में अब चुनाव के टाइम पर जिस तरह कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट आ रही है, और गहलोत के करीबियों का पत्ता कट रहा है, उससे ऐसा लगता है कि पिक्चर अभी बाकी है.


गहलोत के करीबियों के टिकट कन्फर्म नहीं


कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावत करने वालों में से एक डॉ. महेश जोशी का टिकट कट गया है. कांग्रेस ने प्रत्याशियों की 6 लिस्ट जारी कर दीं. लेकिन बगावत करने वाले महेश जोशी और शांति धारीवाल का नाम प्रत्याशियों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया. छठी सूची में कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल का नाम भी नहीं है. उनके टिकट को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है. इसी तरह गहलोत खेमे के आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ का टिकट भी कांग्रेस ने अबतक कन्फर्म नहीं किया हैं.


खरगे के पाले में गेंद


महेश जोशी, हवामहल सीट से, शांति धारीवाल, कोटा उत्तर और धर्मेन्द्र राठौड़, अजमेर उत्तर सीट से विधायक हैं. गहलोत तीनों को टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं, लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में तीनों सीटों पर इन तीनों नेताओं के विकल्प के रूप में दूसरे नाम मांगे गए थे. अबतक उनके टिकट घोषित न किए जाने के चलते संकट गहरा गया है. बताया जा रहा है कि अब मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे देख रहे हैं, जहां से न हां हो रही और ना ही साफ इनकार किया जा रहा है.


'जब सबकुछ ठीक नहीं था'


इन तीनों नेताओं ने सीएम गहलोत की कुर्सी बचाने के लिए बगावत का बिगुल बजा दिया था. उस बगावत की लपटें और धुआं कांग्रेस मुख्यालय तक पहुंचा थी. 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस हाईकमान ने 3 सदस्यीय एक प्रतिनिधि मंडल को विधायकों से बातचीत के लिए भेजा गया था कि मुख्यमंत्री गहलोत और बाकी कांग्रेस विधायकों के मूड को भांपा जा सके. दरअसल यह माना जा रहा था कि गहलोत की जगह सचिन पायलट को सीएम बनाने की कोशिश के तहत यह सब किया जा रहा था.


छठी सूची में 23 नाम


संगरिया -अभिमन्यु पूनिया
भादरा -अजीत बेनीवाल 
डूंगरगढ़ -मंगल राम गोदारा 
पिलानी -पीतराम काला 
दातारामगढ़ -वीरेंद्र सिंह 
शाहपुरा -मनीष यादव 
चोमूं -शिखा मिल बराला 
आमेर -प्रशांत शर्मा 
जमवारामगढ़ -गोपाल लाल मीणा 
हवा महल -आरआर तिवारी 
विद्याधर नगर -सीताराम अग्रवाल 
अलवर शहर -अजय अग्रवाल
भरतपुर सीट-आरएलडी के लिए छोड़ी 
मालपुरा -घासीलाल चौधरी 
मेड़ता -शिवरतन वाल्मीकि 
फलोदी -प्रकाश चटनी 
लोहावट -कृष्णा राम विश्नोई 
शेरगढ़ -मीना कंवर 
सूरसागर -साजिद खान 
आहोर -सरोज चौधरी 
चौरासी -ताराचंद भगोरा 
भीलवाड़ा -ओम नारायणवाल 
लाडपुरा -निजामुद्दीन गुड्डू


अब इस सूची के बाद ये तक कहा जा रहा है कि सचिन पायलट की आलाकमान के प्रति निष्ठा और गहलोत से विवाद के बावजूद पार्टी न छोड़ने के फैसले के एवज में क्या इनाम दिया जाएगा फिलहाल ये तो तय नहीं है, लेकिन इतना जरूर साफ-साफ दिख रहा है कि पायलट की राह में रोड़ा बने नेताओं को मानो एक-एक करके साइड किया जा रहा है.