Beawar: ब्यावर शहर के राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के सर्जन विभाग ने एक बड़ी सर्जरी करते हुए 5 साल से परेशान मरीज को राहत दी है. डॉक्तरों ने मरीज के पेट से करीब 19.5 किलो की गांठ निकाली. सर्जरी ब्यावर एकेएच के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सर्जरी है. सीमित संसाधानों के बीच की गई सर्जरी ने जहां एकेएच के इतिहास को गौरवान्वित किया है, वहीं मरीज को भी तकलीफ से राहत दी है.


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मरीज एकेएच के सर्जिकल वार्ड मे उपचाररत है. जानकारी के अनुसार पाली जिले के रास के सेवरिया गांव निवासी 45 वर्षीय सुशीला पत्नी बाबूसिंह के पेट में गांठ होने के कारण काफी परेशान थीं. एक माह पूर्व उन्होंने अपने मर्ज को लेकर राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के सर्जन विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. पुखराज चौधरी से संपर्क किया और परामर्श लिया.


डॉ. चौधरी द्वारा जांच के बाद पता चला कि मरीज सुशीला के पेट में गांठ है और वह बहुत बढ़ चुकी है. मरीज के परिजनों ने बताया कि वह 4-5 वर्ष से पेट दर्द से पीडि़त है. उसके पेट में सूजन रहती है और उल्टियां होती हैं. भूख नहीं लगने आदि की शिकायत रहती है. इस पर डॉ. चौधरी ने आवश्यक जांचे करवाई. जिसमें सामने आया है कि मरीज के पेट में बहुत बड़ी गांठ है. जिस पर सुशीला को ऑपरेशन करवाएं जाने की सलाह दी गई. डॉ. चौधरी की देखरेख में आवश्यक उपचार एवं जांचो के बाद सुशीला का ऑपरेशन किया गया.


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सर्जन डॉ. पुखराज चौधरी, पुष्पेन्द्र चौधरी, एनेस्थीशिया विशेषज्ञ डॉ. अमृतलाल सैनी, डॉ. अनुज, नर्सिग अधिकारी ललित, विमलेश, प्रकाश, वार्डबॉय अब्दुल कय्यूम और इंद्रा देवी आदि टीम ने सुशीला का सफल ऑपरेशन किया. जिसमें करीब 19.5 किलो की गांठ निकाली गई है. जो ब्यावर के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है. मरीज सुशीला की स्थिति सामान्य है तथा उपचार जारी है. सुशीला के परिजनो ने चिकित्सकों के प्रयास एवं सेवाओं की प्रशंषा की है.


Reporter- Dilip Chouhan