Ajmer:  अजमेर के ब्यावर कल से शिविर को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी हैं.आयुक्त गुरदीप सिंह की अध्यक्षता और सभापति नरेश कनोजिया, उपसभापति रिखबचंद खटोड, ओएस मोहिंदर राय फुलवारी तथा एईएन सुनील यादव की मौजूदगी में बैठक आयोजित की गई. बैठक में नगर परिषद के कर्मचारी ने भी भाग लिया.


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बैठक में पार्षदों ने रुचि नहीं दिखाई जिस पर करीब 15 पार्षद ही बैठक के दौरान नजर आए बाकी पूरा सभागार खाली पडा नजर आया. बैठक के दौरान आयुक्त गुरदीप सिंह ने उपस्थित सभी कर्मचारियों एवं पार्षदों को शिविर से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराते हुए शिविर को सफल बनाने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.


इस दौरान आयुक्त गुरदीप सिंह ने बताया कि 24 अप्रैल से 30 जून तक सरकार की मंशानुरूप महंगाई राहत शिविर लगाकर आमजन को राहत प्रदान की जाएगी. उन्होंन कहा की इसके लिए आठ जगह चिन्हित की गई है, जहां पर लगातार 30 जून तक स्थाई शिविर लगाकर शहरवासियों का सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा.


इस दौरान आयुक्त गुरदीप सिंह से नेता प्रतिपक्ष दलपतराज मेवाड़ा द्वारा नगर परषिद की कार्यशैली पर उठाए गए सवाल पर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि पार्षदों का आरोप है कि इन शिविरों मे सरकार की मंशानुरूप आमजन की फाइलों का निस्तारण नहीं किया जाता है. जिस पर आयुक्त ने कहा कि इन फाइलों की पत्रावलियों की तकनीकी खामियों के चलते इन फाइलों का मौके पर निस्तारण करने में कठिनाई होती है.


लेकिन इस बार प्रयास किया जा रहा है कि इन सभी समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया जाएगा. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष दलपतराज मेवाड़ा ने नगर परषिद की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की सरकार की मंशानुरूप कार्य नही किया जा रहा है. मेवाड़ा ने कहा कि इसके लिए नगर परिषद सभागार में पार्षदों के लिए जागरूता हेतु इस बैठक का आयोजन किया गया.


लेकिन बैठक में महज 15 पार्षदों की मौजूदगी ने उन्हे हतप्रभ कर दिया. इस दौरान उन्होंन कहा कि यदि अधिकारी इन शिविरों के माध्यम से यदि आमजन को लाभ नही पहुचा सके तो इन अधिकारियों को चार्ज शीट थमानी चाहिए. वहीं उपसभापति रिखबचंद खटोड ने अपने ही बोर्ड के सभापति पर आरोप लगाया कि वह पट्टे पर हस्ताक्षर क्यो नहीं कर रहे हैं, इस बात से वह नाराज हैं.


वहीं, उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए परिषद में एकल हस्ताक्षर से भी पट्टे जारी किए जाने चाहिए जिससे की आमजन को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि कई जगह पर यह देखने में आया है, कि कई पट्टों पर आयुक्त ने तो हस्ताक्षर कर दिए लेकिन सभापति ने उन पर हस्ताक्षर नहीं करने पर वह पटटे अटक जाते हैं.


जिस पर उन्होंने कहा कि यदि सभापति हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो एकल हस्ताक्षर आयुक्त के हस्ताक्षर से ही पट्टे जारी किए जाएं. उन्होंने इस बात का भी हवाला दिया कि पूर्व में भी एकल हस्ताक्षर से पट्टे जारी किए है. उन्होंने कहा कि एकल हस्ताक्षर के नियम भी सरकार द्वारा जारी किए जा चुके हैं. उपसभापति खटोड ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पट्टों पर सभापति हस्ताक्षर नहीं करते है तो मजबूरन हमें डीएलबी में कार्रवाई करनी पड़ेगी.


रिपोर्टर- दिलीप चौहान


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