Ajmer : एक तरफ मानवता कोरोना महामारी (Coronavirus) से जूझ रही है तो दूसरी तरफ अजमेर वासी जिंदगी को दांव पर लगा कर दो बूंद पानी के इंतजाम में जुटे हुए हैं. कहने को कॉलोनी में ही पानी की टंकी भी बनी हुई है, लेकिन कनेक्शन नहीं दिए जाने के चलते बच्चे भी अपनी पढ़ाई छोड़ कर दो बूंद पानी की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. 


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अजमेर के नागफणी इलाका के वोट बैंक पर सभी की निगाहें जमी रहती हैं. यह अलग बात है कि आजादी के इतने सालों बाद भी इस इलाके के लोग मुलभुत सुविधाओं से महरूम हैं. हालात इतने बदतर हैं कि अपने कंठ की प्यास बुझाने के लिए यहा के बाशिंदे अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगाने को मजबूर हैं. अजमेर (Ajmer News) की अरावली पहाड़ियों पर बसे सैकड़ों लोग जलदाय विभाग से अपनी प्यास को बुझाने के इंतजाम की गुहार लगाते लगाते हार चुके हैं. 


इस इलाके में पानी का संकट इतना गहरा है कि इस कोरोना काल में भी भी बच्चे और महिलायें अपनी जान संकट में डाल कर एक मटकी पानी को सर पर रख कर कठिन पहाड़ी रास्तों पर चढ़ने को मजबूर हैं. कहने को इस इलाके में पानी (Water) की टंकी भी बनी हुई है और पाइप लाइन भी बिछी हुई है, लेकिन जलदाय विभाग है कि इन्हें इनके घर तक कनेक्शन देने को तैयार नहीं है.


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