Ajmer News : विधानसभा क्षेत्र नसीराबाद के सबसे बड़े राजकीय सामान्य चिकित्सालय में नर्सिंग स्टाफ प्रथम के 11 स्वीकृत पद में से एक कार्यरत है. इसी प्रकार नर्सिंग स्टाफ द्वितीय ग्रेड के 38 में से मात्र 13 नर्सिंग स्टाफ कार्यरत है. स्टाफ की कमी को देखते हुए यूटीबी अर्थात अर्जेंट टेंपरेरी बेसेस पर 3 माह के लिए 14 स्टाफ की नियुक्ति करके नसीराबाद में लगाया गया था. 


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जिनका कार्यकाल 31 मार्च को पूरा हो जाने पर समूचे अस्पताल की व्यवस्था मात्र 14 नर्सिंग स्टाफ के भरोसे चलेगी. यह 14 का स्टाफ चिकित्सालय के गायनिक, शिशु, आपातकालीन, इंजेक्शन, वार्ड, आईसीयू आदि स्थानों पर सेवाएं देगा. मात्र 14 के द्वारा इतने बड़े चिकित्सालय में संतोषप्रद सेवाएं देना ऊंट के मुंह में जीरे के समान प्रतीत हो रहा है.


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रोगियों एवं उनके परिजनों ने बताया कि राजस्थान सरकार चिरंजीवी योजना, निशुल्क दवा, निशुल्क जांच आदि एवं इसके प्रचार-प्रसार पर बेतहाशा पैसा पूरा कर रही है. लेकिन यह सुविधाएं तभी कारगर साबित होगी जब इन सुविधाओं को इंप्लीमेंट करने के लिए सेवा देने वाले अर्थात चिकित्सालय में समुचित स्टाफ नियुक्त होगा.


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राजकीय अस्पतालों में स्टाफ की कमी के कारण रोगियों एवं उनके परिजनों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही है. जिससे रोगी एवं उनके परिजन सरकारी अस्पतालों के बजाय निजी अस्पतालों की तरफ दौड़ते हैं. ताकि उन्हें संतोषप्रद सेवाएं उपलब्ध हो सके. वास्तविकता में निजी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति रोगियों एवं चिकित्सालय की क्षमता के अनुसार समुचित अनुपात में होने के कारण निजी चिकित्सालय की सेवाएं बेहतर बताई जाती है.


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राजकीय सामान्य चिकित्सालय में 31 मार्च से यूटीबी के 14 नर्सिंग स्टाफ कम हो जाने से रोगियों को मिलने वाली सुविधाएं एवं राहत की कमी को नकारा नहीं जा सकता. शहर के समाजसेवियों ने नर्सिंग स्टाफ के स्थाई नियुक्ति होने तक यूटीबी नर्सिंग स्टाफ का कार्यकाल बढ़ाने की भी मांग की है. जिससे रोगियों को राहत मिल सके एवं स्थाई नर्सिंग स्टाफ शीघ्र नियुक्त करके चिकित्सा सुविधा में सुधार लाने की मांग की है.