रबी के सीजन में यूरिया खाद ना मिलने से किसानों में गुस्सा, 3 माह से नहीं आई सप्लाई
रबी की फसल सीजन में किसानों को यूरिया खाद नसीब नहीं हो रहा है. ग्राम सेवा सहकारी समिति में 3 माह से यूरिया की सप्लाई नहीं आ रही हैं. मांडलगढ़ की अन्य कई जीएसएस में खाद की कमी किसानों को सता रही है.
Bhilwara, Mandalgarh: मांडलगढ़ के मानपुरा गांव मे रबी की फसल सीजन में किसानों को यूरिया खाद नसीब नहीं हो रहा है. ग्राम सेवा सहकारी समिति में 3 माह से यूरिया की सप्लाई नहीं आ रही हैं. मांडलगढ़ की अन्य कई जीएसएस में खाद की कमी किसानों को सता रही है. इस मामले को लेकर किसानों ने समिति परिसर में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.
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रसायनिक खाद की कमी से झुझते कई किसानों ने आत्महत्या करने तक की पीड़ा व्यक्त कर दी हैं. मानपुरा सहित खेराड़ क्षेत्र के कई जीएसएस में डीएपी और यूरिया खाद उपलब्ध ही नहीं है, दूसरी ओर बाजार ने निजी डीलर द्वारा खाद प्रति बेग दुगुने दाम में किसानों को बेचे जा रहे है. इलाके के किसान रोज सहकारी समिति के डिपो पर चक्कर लगा निराश होकर बैरंग लौटते रहे हैं, निजी दुकानों पर अधिक लागत में खाद खरीदने को मजबूर हो रहे हैं. निजी दुकानों पर मिलने वाले यूरिया खाद के बैग खरीदने पर किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है.
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रसायनिक खाद की कमी से झुझते कई किसानों ने आत्महत्या करने तक की पीड़ा व्यक्त की है, जो शासन प्रशासन के लिए कहीं आफत खड़ी कर सकता हैं. इस मामले में मानपुरा कैलाश चन्द्र सहकारी समिति व्यवस्थापक का कहना है कि यूरिया खाद की कम्पनियों ओर उच्चाधिकारियों को किसानों की मांग के अनुरूप खाद आपूर्ति की कई बार डिमांड भेजी गई हैं, इस मामले में किसान रामलाल ने कहा कि कोई सुनने वाला नहीं है,अधिकारी फोन तक नहीं उठाते है. मानपुरा और काछोला क्षेत्र में किसानों को डीएपी और यूरिया दोनों ही खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है. कई बार चक्कर काटने पर भी खाद नहीं मिल रहा है.
वहीं, मानपुरा के किसान नारायण खटीक ने कहा कि किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है फसलों में देने के लिए खाद की व्यवस्था के लिए बार बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं. इसके बाद भी खाद नहीं मिल रहा है. मजबूरी में अधिक राशि देकर निजी दुकानों से खाद खरीद़ने को मजबूर हैं. मानपुरा के किसान प्रभुलाल ने कहा कि मांडलगढ़ क्षेत्र की कई जीएसएस में डीएपी व यूरिया खाद उपलब्ध ही नहीं है. फसल की बुवाई का समय आता है. तब किसानों को खाद की समस्या से झूझना पड़ता हैं, लेकिन नेता,अफसर कोई सुनने वाला नहीं है, राम व राज दोनों रूठे हुए हैं.
Reporter- Dilshad Khan