Beawar news: आचार्य सम्राट रधुनाथमलजी महाराज का जन्मोत्सव व संत गणेशीलाल महाराज की पुण्य तिथि परमेश्वर नगर स्थित मुक्ता मिश्री जैन भवन के प्रांगण में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकन मुनिजी महारासा, उपप्रवर्तक तपस्वी रत्न अमृत मुनिजी महारासा की पावन निश्रा में जप-जाप, धर्म -ध्यान, साधना-आराधना तथा तप-त्याग के साथ हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया. इस दौरान सामूहिक नवकार महामंत्र के जाप से आगाज हुए इस समारोह में दोनों गुरु भगवंतों की जय जयकारो से क्षेत्र गुंजायमान हो गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गुरु भगवंतों की जय जयकारो से क्षेत्र गुंजायमान
गुरु गुणगान समारोह में युवा महेश मुनिजी, रितेशमुनि, अखिलेश मुनि, प्रभात मुनि , डॉ. वरुण मुनि महारासा आदि ठाणा एवं उपप्रवर्तिनी महासती मैना कंवरजी तथा महासती कंचन कंवरजी आदि ठाणा का सानिध्य श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ. इस समारोह में युग प्रधान आचार्य सम्राट श्री रघुनाथ जी महाराज का 315वां जन्मोत्सव एवं संत गणेशीलालजी महाराज की 62वीं पुण्यतिथि के पावन प्रसंग पर श्रावक-श्राविकाओं ने एक आसन पर दो-दो सामायिक की. 



इस अवसर पर प्रवर्तक सुकन मुनि महाराज ने कहा कि आचार्य रघुनाथ महाराज एवं गणेशी लालजी महाराज जैन संस्कृति के युग प्रबोधक संत रत्न थे. उन्होंने अपार कष्टों को सहन करके भी धर्म पर कुर्बान हो गए.


उपप्रवर्तक अमृत मुनि महाराज ने कहा कि संत चलते-फिरते तीर्थ हैं. संत तो स्वयं सत्संग होता है. आचार्य रघुनाथ महाराज मारवाड़ के सोजत शहर में जन्मे, जोधपुर में दीक्षा ली और पाली शहर के अंदर अपने नश्वर देह को सदा के लिए छोड़ दिया. गुणगान समारोह को अन्य संतों ने भी संबोधित किया. इस मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से व नगर के सकल जैन समाज, श्री स्थानकवासी जैन वीर संघ, श्री मुक्ता मिश्री न्यास के भारी तादाद में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे.
 समारोह में पारसमल लोढ़ा, राजेन्द्र ओस्तवाल, जंवरीलाल शिशोदिया, प्रकाशचंद मेहता तथा महेन्द्र सांखला सहित विभिन्न संघों के प्रमुखों ने शिरकत की.


यह भी पढ़ें:रतनगढ़ में अवैध शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़,भारी मात्रा में नकली शराब जब्त