Beawar News: अजमेरी गेट स्थित रामद्वारा में अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के संस्थापक स्वामी रामचरण महाराज की 226वीं निर्वाण तिथि के उपलक्ष में रामद्वारा में धर्मसभा का आयोजन किया गया.


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धर्मसभा को संबोधित करते हुए बड़ोदरा के अधिष्ठाता स्वामी रामप्रसाद महाराज ने कहा कि यह जीव सदगुरु की शरण में जाता है तब तब इस जीव के समस्त जीवन के क्लेश नाश हो जाते हैं एवं परम शांति की प्राप्ति होती है.


इस दौरान संतश्री ने स्वामी रामचरण महाराज के जीवन की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि स्वामी रामचरण महाराज जैसे परम सदगुरू की शरणागति में जो भी साधक गया उस जीव का परम कल्याण हुआ एवं परम शांति की प्राप्ति हुई. सदगुरू अपने जीवन से अपने इशारों से अपने बोल से हमेशा शिष्य का कल्याण ही चाहते हैं। शिष्य को चाहिए गुरू के द्वारा दिए गए उपदेशों का पालन करके और अपने जीवन को मंगलमय बनाने का पुरुषार्थ करें.


सदगुरूओं का यही उपदेश है कि अपने जीवन में सत्कर्म करते हुए सेवा करते रहो एवं जब भी जहां भी जैसे भी सत्संग प्राप्त हो उस सत्संग का आश्रय लेते रहो. संत रामप्रसाद महाराज ने कहा कि सत्संग के माध्यम से जागृत होकर के निरंतर भगवत नाम का स्मरण करते रहो. स्वामी रामचरण महाराज ने अपने साधकों को यही उपदेश दिया है.


जीवन सेवा मय बनाओ जीवन सत्संग मय बनाओ और जीवन को स्मरण मय बनाओ. इस दौरान संत श्री ने यही संकल्प दिलाया की महापुरुषों को सच्ची पुष्पांजलि यही है कि उनके बताए रास्तों पर चलकर हम अपने जीवन को पवित्र बनाने का पुरुषार्थ करें. इस दौरान सत्संग में उपस्थित श्रद्धालुओं ने सदगुरू की आरती की। जिसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया.