Kekri : अजमेर जिले के अंतिम छोर और अजमेर- टोंक -सवाईमाधोपुर मार्ग पर बसा ऐतिहासिक बघेरा कस्बा धर्म, आध्यत्म, ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से महत्व रखता आया है और आज भी यह इसी रूप में अपना महत्व और पहचान रखता है. वर्तमान दौर में यह कस्बा एक बार फिर से अपनी पहचान नए रूप में स्थापित कर रहा है, कारण है यहां का ग्रेनाइट व्यवसाय और क्षेत्र में रोजगार के अवसर संभावना.


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बघेरा में ग्रेनाइट व्यवसाय
बघेरा कस्बे और आसपास के क्षेत्रों में ग्रेनाइट भरपूर मात्रा में उपलब्ध होता है. क्षेत्र में इस व्यवसाय की संभावना को बल प्रदान लड़ती है. कहीं पर कम गहराई पर तो कभी कहीं अधिक गहराई पर यह पाया जा रहा है. पिछले काफी दिनों से यहां पर ग्रेनाइट खनन का व्यवसाय बड़े जोरों पर चल रहा है. यहां के ग्रेनाइट की क्वालिटी, इसका रंग रूप इसकी मजबूती सहज ही हर किसी का ध्यान अपनी और आकर्षित कर लेती है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की माने तो वर्तमान समय में बघेरा और आस-पास के क्षेत्र में करीब 15 से 20 खदानों में खनन का कार्य हो रहा है और इसके अतिरिक्त इससे कहीं अधिक करीब 70-80 की संख्या में खदानों के लीज होने की प्रक्रिया जारी है.


लोगों का इस व्यवसाय की ओर रुझान
बघेरा कस्बे और आस पास में कई ग्रेनाइट स्टोन की खदानें हैं. क्षेत्र में इसकी उपलब्धता को देखते हुये लोगों में मानो मशीनों से जमीन के नीचे तक जांच करवाने की बाढ़ सी आ गई. कई खातेदार ने मशीनों से अपनी जमीन की जांच करवाई तो नीचे ग्रेनाइट की पूरी स्लैब और खदान होने का पता लगा. साथ ही पिछले दिनों सरकारी भूमि लीज/नीलाम की निविदा मांगी गई थी. ग्रेनाइट की उपलब्धता और व्यावसायिक लोगों की रुचि को देखते हुए इसमें और अधिक इजाफा होने की अपेक्षा की जा रही है.


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बघेरवाल पत्थर आज बना ग्रेनाइट
ग्रेनाइट की उपलब्धता आज से ही नही सेकड़ो वर्षों से हैं. बघेरा कस्बे में बहुतयात मात्रा में पाए जाने वाला यह ग्रेनाइट्स बघेरा और आस-पास के क्षेत्रों में प्राचीन समय से ही बघेरवाल पत्थर के नाम से जाना जाता रहा है जो स्थानीय स्तर पर भी आज भी इसी नाम से जाना जाता है. प्राचीन मंदिर, किले, ऐतिहासिक इमारतों पर बड़े-बड़े ब्लॉक्स जिसे लागड़िया कहा जाता था आज भी इस बात का गवाह है. इस पत्थर इसकी बनावट, रंगरूप और क्वालिटी उपलब्धता के आधार पर इसे पेंथर के नाम से जाना जाने लगा है.


बघेरा की तरफ ग्रेनाइट व्यावसायिकों का बढ़ता रुझान
बघेरा कस्बे और आसपास के क्षेत्र में ग्रेनाइट की उपलब्धता, क्वालिटी और राज्य राजमार्ग 116 पर जहा से अजमेर, टोंक, जयपुर, ब्यावर, सवाईमाधोपुर, मार्ग पर होने के कारण ग्रेनाइट व्यवसायियों का रुझान दिनों दिन काफी देखने को मिल रहा है. आने वाले समय मे इसके और अधिक विकसित होने की संभावना नजर आती है.


Reporter: Manveer Singh