Kekri News: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय केकडी़ में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान मे आज मानवाधिकार दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अनिल गुप्ता ने कहा कि भारत में मानव अधिकार का संरक्षण और संवर्धन वैदिक काल से है. मानव अधिकार का विषय भारत के लिए कोई नवीन विषय नहीं है. गुप्ता ने बताया कि मानव धर्म ,मानव कर्तव्य और मानव अधिकार की त्रिवेणी के प्रभाव की आवश्यकता है. मानव धर्म और मानव कर्तव्य की पालना ईमानदारी से की जाए तो मानव अधिकार स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 उन्होंने ब्रह्म समाज, आर्य समाज, स्वाम श्रद्धानंद जी, स्वामी विवेकानंद जी, गुरु नानक जी, अशोक महान, छत्रपति शिवाजी, राजा जनक, महावीर स्वामी, गौतम बुद्ध के सिद्धांतों के अनुसार मानव अधिकार को समझाया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ नीता चौहान सहायक आचार्य राजनीति विज्ञान ने भारतीय संविधान में उल्लेखित मौलिक अधिकारों की जानकारी दी.


 उन्होंने बताया कि जानकारी के अभाव में हम अपने अधिकारों की बात नहीं कर पाते हैं।किसी भी विषय का विद्यार्थी हो उसे मौलिक अधिकारों यथा समानता, स्वतंत्रता, शोषण के विरुद्ध, धार्मिक स्वतंत्रता, शिक्षा और संस्कृति, संवैधानिक उपचारों के अधिकार का ज्ञान होना चाहिए. डॉ चौहान ने मानवाधिकारों के अंतर्गत प्राकृतिक, कानूनी, नैतिक, नागरिक आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को भी विस्तार से बताया.


ये भी पढ़ें- धोती-कमीज टीम ने राज्य स्तरीय ग्रामीण ओलंपिक में खूब लूटी वाह-वाही


अध्यक्षीय उद्बोधन में पीयूष कुमार गुप्ता ने कहा कि व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास हेतु अधिकारों का ज्ञान जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 की मानवाधिकार दिवस की थीम गरिमा, स्वतंत्रता ,सभी को न्याय है. सभी को एक दूसरे की भावनाओं का आदर करते हुए अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन डॉ अनीता रायसिंघानी ने किया. कार्यक्रम में डॉ देवेंद्र, डॉ हेमंत, डॉ मनोज डॉ कीर्ति, बालकृष्ण आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम के पश्चात स्वयंसेवकों द्वारा मानवाधिकार रैली का आयोजन किया गया.