Pushkar: कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) की पालना के साथ आज से पुष्कर में श्री पुष्कर पशु हाट मेला 2021 (Shree Pushkar Pashu Haat Mela 2021) का शुभारम्भ कर दिया गया है. पुष्कर के मोतीसर रोड स्थित नए पशु मेला मैदान पर अब देश के विभिन्न राज्यों से पशु पालकों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया है. यह पहली बार है, जब अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले का कोई औपचारिक आगाज नहीं किया गया है. यही वजह है कि नए मेला मैदान पर मेले की रौनक फिलहाल फीकी नजर आ रही है.  


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हिंदू आस्थाओं का सबसे पवित्र और पौराणिक तीर्थ स्थान पुष्कर (Pushkar News) में विश्व विख्यात इकलौता चतुर्मुख ब्रह्मा का मंदिर (Chaturmukh Brahma Temple) है. पौराणिक मान्यताओं के चलते हर वर्ष दीपावली के बाद से कार्तिक पूर्णिमा तक पुष्कर तीर्थ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आवक लगातार जारी रहती है. 


पुराने समय में जब परिवहन के साधन इतने उन्नत नहीं हुआ करते थे तब पर्यटक और श्रद्धालु अपने साथ पशुओं को लाते थे. तभी से पुष्कर धार्मिक स्थल के साथ-साथ पशुओं के क्रय-विक्रय के बड़े बाजार के रूप में स्थापित हो गया. इसे अंतराष्ट्रीय पुष्कर पशु एवं धार्मिक मेले के रूप में जाना जाने लगा. 2 सालों से कोरोना (Corona) महामारी की मार झेल रहा पुष्कर का पर्यटन और पशुपालन व्यवसाय तीसरे साल कोरोना गाइडलाइन के अंतर्गत पशु हाट मेले के रूप में आयोजित किया जा रहा है. 


देशभर से आने वाले पशुपालकों के आमदनी का मुख्य जरिया पुष्कर अंतररष्ट्रीय पशु मेला 2 वर्षों बाद आयोजित किया जा रहा है. हालांकि कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य सरकार (Rajasthan Government) द्वारा नवीन कोरोना गाइडलाइन के अंतर्गत पुष्कर अंतराष्ट्रीय पशु मेले को बहु दिवसीय पुष्कर पशु हाट मेले के रूप में आयोजित किया जा रहा है. इसके चलते पशुपालक का उत्साह देखते ही बनता है. 


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पशुपालन विभाग द्वारा 8 नवम्बर से 21 नवम्बर तक नए मेला मैदान में पशुओं की गणना करने के लिए विभिन्न स्थानों पर 10 चौकियों की स्थापना की गई है. इसके अलावा दो मोबाइल टीमों द्वारा भी पशुओं की आवक पर नजर बनाई जाएगी. इतना ही नहीं पुष्कर पशु हाट मेला क्षेत्र में सो कर्मचारियों की नियुक्ति पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) द्वारा की गई है. इस महीने पुष्कर उपखंड अधिकारी द्वारा बैठक कर नए मेला क्षेत्र में बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर सभी विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंप दी गई है. 


अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हुआ पुष्कर पशु मेला 
 तमाम दावों से इतर जमीनी हकीकत पर गौर किया जाए तो पशुपालन विभाग द्वारा आवंटित नए मेला मैदान में देश भर से आए पशुपालकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. पशुपालक खास सहूलियत तो दूर बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान नजर आ रहे हैं. एक लंबे अरसे से पशुपालकों की जीवन रेखा साबित होने वाला पुष्कर पशु मेला धीरे-धीरे अपनी प्रासंगिकता होता नजर आ रहा है. सरकारी आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो सन् 2001 में 15,460 ऊंटों की आवक पुष्कर मेले में हुई तो वहीं, 2019 में मात्र 1,784 ऊंट वंश की आवक ही हुई. 


गौरतलब है कि सितंबर महीने की शुरुआत में राज्य सरकार ने सभी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर पाबंदियां लगा दी थी. इसके बाद से पुष्कर धार्मिक और पशु मेले पर संशय के बादल गहराने लगे थे. स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर 14 अक्टूबर को शासन सचिव डॉ आरुषि मलिक (Aarushi Malik) ने जिला कलेक्टर को पुष्कर पशु मेला आयोजन करने की स्वीकृति सशर्त जारी कर दी. इससे विशाल पुष्कर पशु मेला एक छोटे हाट पशु बाजार तक ही सीमित रह गया. 


इतना ही नहीं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण के संबंध में जारी गाइडलाइन में प्रस्तावित आठ दिवसीय पुष्कर हाट मेले को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी. गाइडलाइन के अनुसार, पशु हाट मेले (Pashu Haat Mela) में प्रवेश के पूर्व आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR Test) के साथ-साथ कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की कम से कम प्रथम डोज की अनिवार्यता लागू रहेगी. सुबह 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक ही पशु हाट संचालित करने की अनुमति रहेगी. मेला क्षेत्र में पशु संबंधित दुकानों के अलावा किसी अन्य दुकान और प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति नहीं रहेगी. ऐसे में पुष्कर अंतरराष्ट्रीय मेले के रंग इस साल भी फीके होते नजर आ रहे हैं. 


Reporter- Manveer singh chundawat