Nasirabad: राजस्थान के अजमेर जिले के नसीराबाद में कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लघु उद्योग भारती के महामंत्री घनश्याम ओझा ने बताया कि लघु उद्योग भारती की स्थापना 1994 में लघु उद्योग के हितार्थ की गई थी. तब से अब तक भारत के 450 से अधिक ज़िलों में इसकी इकाइयां स्थापित हो चुकी है. 36 हजार से अधिक इसके सदस्य हैं. भारत सरकार के सभी आर्थिक विषयों से सम्बंधित समितियों में इसके सदस्य अपनी सेवाएं दे रहे हैं.


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कार्यक्रम में अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाश ने बताया कि उद्यमशीलता भारत के निवासियों में स्वभाविक गुण है, जो कि गुलामी के 12 सौ वर्षों में लगातार दबाया गया, जहां अंग्रेजों के शासन से पूर्व विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा 28 से 39 प्रतिशत था. वहीं अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के चलते यह एक प्रतिशत से भी कम रह गया था. भारत को अब लघु उद्यमों के सहारे पुनः सोने की चिड़िया के गौरव को प्राप्त कराना है. 


भारत में लघु उद्योगों के जाल को पुनर्जीवित करना होगा. गुणवत्ता के सुधार और निर्यात प्रोत्साहन की सरकारी नीतियों को लघु उद्योगों के हित में तैयार किए जाने की आवश्यकता है. भारत में ऐतिहासिक रूप से बनाए जाने वाले उत्तम गुणवत्ता के सामान की संस्कृति को हमें वापस लाना होगा, मिलजुल कर काम करने से निश्चित रूप से लक्ष्य की प्राप्ति होगी. 


नसीराबाद इकाई के संरक्षक गोविन्द जिन्दल, अध्यक्ष संजीव अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुशील जैन, महामंत्री अंकित अग्रवाल, सहमंत्री राजेश महानन्दानी, अक्षत जिन्दल और कोषाध्यक्ष का सुमित माहेश्वरी को दायित्व दिया गया. कार्यक्रम में नितिन सिंहल का विशेष सहयोग रहा. इस मौके पर विचार एक दूसरे से सांझा करके लघु उद्योगों और स्वदेशी के बारें में महत्वपूर्ण वार्ता करके मुहिम के रूप में कार्य को गति देने का निर्णय लिया गया है.


Reporter: Manveer Singh


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