Nagaur : नागौर जिले के रियांबड़ी (Riyambadi) उपखंड क्षेत्र के बडायली (Badyali) गांव में खगोलीय घटना जैसा एक वीडियो सीसीटीवी (CCTV ) कैमरे में कैद हुआ. जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया. ये वीडियो तीन जनवरी का बताया जा रहा है. जिस सीसीटीवी कैमरे में ये वाक्या कैद हुआ है, उसके दो तीन किलोमीटर तक कोई साक्ष्य नहीं मिला है.  वहीं जी मीडिया की टीम ने जब घटना का वीडियो रियांबड़ी उपखंड अधिकारी गौरीशंकर शर्मा को भेज कर मामले की जानकारी चाही तो, उपखंड अधिकारी ने बताया ऐसी किसी घटना की जानकारी उनको नहीं है, हालांकि उपखंड अधिकारी ने बडायली गांव जाकर जांच करने की बात जरूर कही है.


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दरअसल ये घटना तीन जनवरी की रात एक से दो बजे के बीच की बतायी जा रही है. जिस वक्त का सीसीटीवी फुटेज मिला है. आकाशीय बिजली गिरने के साथ ही जमीन पर कुछ गिरता है लेकिन आसपास के लोगों के मुताबिक बडायली गांव या उसके आसपास जमीन पर कुछ गिरा नहीं मिला और ना ही कुछ गिरने के साक्ष्य ही मिले. जिस सीसीटीवी कैमरे में ये वाक्या कैद हुआ है वो एक होटल में लगा है. और होटल संचालक ने जब रोज की तरह सीसीटीवी चेक किया तो इस घटना के बारे में पता चला. होटल संचालक उम्मेदसिंह ने आसपास के दो तीन किलोमीटर क्षेत्र में जाकर देखा भी लेकिन उनके हाथ भी कुछ नहीं लगा.


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वैज्ञानिकों के मुताबिक आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर जाते हुए या पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में टूटते हुए तारे कहते हैं. उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुंचता है उसे उल्कापिंड कहते हैं. अक्सर रात में अनगिनत उल्काएं देखी जा सकती हैं, लेकिन इनमें से पृथ्वी पर गिरने वाले पिंडों की संख्या बहुत कम होती है. ये उल्कापिंड बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं, दूसरे आकाश में विभिन्न ग्रहों के संगठन और संरचना के बारे में इनसे जरूरी जानकारी हासिल की जा सकती हैं. फिलहाल नागौर में जो घटना घटी है वो खगोलीय घटना है या  नहीं इसकी जांच होना बाकी है.


Report : Damodar Inaniya