Beawar: हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में निकाले जाने वाले मोहर्रम के जुलूस के तहत मेहंदी की रस्म अदा की गई. मोहर्रम इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष पप्पू पहलवान ने बताया कि यह मेहंदी इमामे कासिम की याद में निकाली जाती है. उनकी शहादत की याद में रविवार को मेहंदी की रस्म के दौरान मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा अलग-अलग जातियों पर पूरी अकीदत और मन्नत के साथ मेहंदी की रस्म पूरी की गई. 


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मान्यता है कि जिस व्यक्ति द्वारा मेंहदी बोली जाती है और वह नंगे पांव एक चौकी पर शुद्ध घी से दिए जलाकर और चौकी को अपने सिर पर रखकर ताजियों तक जाते हैं, जहां मेहंदी चढ़ाने की रस्म अदा की जाती है. इस दौरान चूरमे, शरबत, खीर आदि पर फातिहा लगाकर तबर्रूक बांटी जाती है. 


बड़ी मेहंदी का जुलुस देर रात कसाबान मोहल्ला से शुरू होकर अजमेरी गेट स्थित इमाम बाड़े पहुंचा. मेहंदी के जुलूस के आगे-आगे मुस्लिम समाज के युवा और बच्चे ढोल और ताशो पर मातमी धुन बजाते हुए चल रहे थे. जुलूस के दौरान समाज के कई महिला, पुरुष उपस्थित थे.


Reporter: Dilip Chouhan