नई दिल्ली: अजमेर-अलवर लोकसभा व मांडलगढ़ विधानसभा के लिए हुए उपचुनावों के परिणाम गुरूवार को आएंगे. अलवर लोकसभा सीट से डॉ.करण सिंह यादव (कांग्रेस), डॉ.जसवंत यादव(बीजेपी), अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के डा रधु शर्मा, रामस्वरूप (बीजेपी) के बीच सीधा मुकाबला है. वहीं मांडलगढ विधानसभा सीट पर भी बीजेपी-कांग्रेस में सीधी लड़ाई देखने को मिली है. यहां से बीजेपी के शक्ति सिंह और कांग्रेस के विवेक धाकड मैदान में थे. इस उपचुनाव के नतीजे भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. चुनाव का परिणाम भाजपा के 15 कैबिनेट मंत्रियों के साथ-साथ 14 विधायकों का भविष्य भी तय करेंगे.


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भाजपा ने उपचुनाव के दौरान प्रत्याशियों के नामों के ऐलान के साथ ही सभी विधायकों से कह दिया था कि हर विधायक अपने -अपने क्षेत्रों में उम्मीदवारों को बढ़त दिलाएं. यह चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा बना हुआ है. इस चुनाव नतीजों से भाजपा को आगामी चुनाव में मदद मिलेगी. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं हैं. लेकिन अगर यह चुनाव कांग्रेस जीतती है तो कांग्रेस पार्टी और उनके कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा.


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जिससे कांग्रेस आगामी चुनाव में सरकार के खिलाफ एंटीइनकमबेंसी की लहर से खुद को फायदा पहुंचा सकती है. उपचुनाव का परिणाम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व सीएम अशोक गहलोत समेत कई अन्य नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर असर डालेंगे. सचिन पायलट के हाथ में राजस्थान प्रदेश में पार्टी की बागडोर है.



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इन तीनों सीटों के चुनाव परिणाम से सचिन पायलट के राजनीतिक कैरियर पर बहुत असर पड़ेगा. गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने तीनों पर चुनाव के दौरान अपने 15 कैबिनेट मंत्रियों को तैनात किया था. उपचुनाव में जिन 17 विधानसभा पर वोटिंग हुई उनमें 15 विधायक भाजपा से ही हैं. अलवर से लोकसभा उम्मीदवार जसवंत सिंह भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री हैं. 


क्यों हुए उपचुनाव
गौरतलब है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री और अजमेर से भाजपा सांसद प्रो सांवर लाल जाट, अलवर से बीजेपी, सांसद चांद नाथ योगी और मांडलगढ से भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी का असामयिक निधन होने के कारण तीनों सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे थे. पहली बार मतदान के लिए उम्मीदवारों की तस्वीरों के साथ ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल हो.


मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने कहा था कि एक नाम वाले अलग-अलग उम्मीदवारों को लेकर मतदाताओं में भ्रम से बचने के लिए पहली बार ईवीएम मशीनों पर उम्मीदवारों की तस्वीर लगायी गई थी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया था कि तीनों निर्वाचन क्षेत्र में 3802168 मतदाता हैं.