Ajmer News : आजादी का अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में संस्कृति मंत्रालय की तरफ से रामचन्द्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान के माध्यम से आगामी 7 से 9 अप्रैल को अजमेर में योग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

योग महोत्सव के आयोजन समन्वयक सेवानिवृत्त आईएएस के. के. शर्मा ने बताया कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है.


इसके अन्तर्गत प्रत्येक स्तर पर विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. संस्कृति मंत्रालय की तरफ से श्री रामचन्द्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान के सहयोग से पूरे देश में योग महोत्सव के आयोजन किए जा रहे हैं.


राजस्थान में 12 स्थानों का चयन इस कार्य के लिए हुआ है. अजमेर में योग महोत्सव 7 से 9 अप्रेल को होगा. योग महोत्सव के लिए डीआरएम ऑफिस के पास स्थित रेल्वे जीएलओ ग्राउण्ड निर्धारित किया गया है.


उन्होंने बताया कि हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान की थीम पर आयोजित होने वाला यह योग महोत्सव प्रत्येक अजमेरवासी को स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रेरित करेगा. योग अपनाकर व्यक्ति शतायु से भी अधिक जीवन जी सकता है. 


भारतीय संस्कृति का योग एक आवश्यक अंग है. इस दौरान अष्टांग योग के आसन, प्रणायाम एवं ध्यान घटकों का इसमें अभ्यास करवाया जाएगा. उन्होनें बताया कि अजमेर में योग के विभिन्न आयामों का आयोजन होना हर्ष का विषय है. जिसका समस्त निवासियों को लाभ उठाना चाहिए.


उन्होंने बताया कि योग महोत्सव समग्र मानवता के स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए हो रहा है. इसमें योग, आसन, प्रणायाम, मुद्रा, यौगिक प्रणाहुति (ट्रांसमिशन ) के साथ ध्यान का व्यावहारिक अनुभव कराया जाएगा. प्रत्येक घटक के विशेषज्ञों को प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है.


योग महोत्सव शनिवार 7 से 9 अप्रैल तक आयोजित होगा. प्रातःकालीन सत्र सुबह 6 से 8 बजे तक होगा. सायंकालीन सत्र का समय शाम 6 से 7.30 बजे तक रखा गया है.


प्रातःकालीन सत्र तीनों दिन और सायंकालीन सत्र 7 एवं 8 अप्रैल को होगा. इसके अतिरिक्त 8 अप्रेल को विधार्थियों के लिए विशेष सत्र भी आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि शिविर में योग, आसन, प्राणायाम, मुद्रा, ध्यान, ब्राइटर माइंड एवं पोलैरिटी जैसे अभ्यास करवाए जाएंगे.


योग से शारीरिक एवं मानसिक अशांति से मानव शरीर में उर्जा के प्रवाह में उत्पन्न होने वाली विकृति को दूर कर उर्जा का संचार हार्टफुलनेस के द्वारा पुनर्स्थापित किया जा सकता है. इससे व्यक्तित्व विकास, एकाग्रता, जुझारुपन, इच्छाशक्ति में अभिवृद्धि होने के साथ ही गुस्से और डर आदि नकारात्मक भावों का नियमन होता है. इससे आंतरिक शांति का विकास होता है. यह जीवन को परम ध्येय की ओर ले जाता है.


उदयपुर : 70 लाख की सिगरेट चुराने वाले चोरों को पुलिस ने पकड़ा, सभी शातिर बदमाश